#दो टूक : एक सप्ताह में शून्य करें लंबित प्रकरणों की संख्या !

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण की आज पुनः की समीक्षा

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी की तेज-तर्रार छवि का असर प्राधिकरण के कामकाज में दिखने लगा है। उपाध्यक्ष की सख्ती के चलते महज तीन दिन में ही जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित 193 लंबित प्रकरण निस्तारित हो गये।

लंबित प्रकरणों की संख्या को शून्य

शनिवार को उपाध्यक्ष ने जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण की पुनः समीक्षा की तो यह चैंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। इस पर भी उपाध्यक्ष ने संतुष्टि व्यक्त नहीं की और अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर लंबित प्रकरणों की संख्या को शून्य किये जाने का टारगेट दिया है।

सम्बंधित लंबित प्रकरणों की पहली समीक्षा बैठक

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद 28 जून 2022 को जनहित गारंटी अधिनियम से सम्बंधित लंबित प्रकरणों की पहली समीक्षा बैठक की थी। इसमें समस्त अनुभागों में फ्री-होल्ड, नामान्तरण और रिफण्ड आदि के प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित पाये गए थे।

जल्द से जल्द निस्तारित कराने के निर्देश दिये

बैठक के दौरान कुछ अधिकारियों द्वारा लंबित प्रकरणों के सम्बंध में वर्तमान स्थिति भी नहीं बताई जा सकी थी। इस पर उपाध्यक्ष ने सख्त रवैया अपनाते हुए समस्त लम्बित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारित कराने के निर्देश दिये थे। तीन दिन बाद आज उपाध्यक्ष द्वारा इन मामलों की पुनः समीक्षा बैठक की गई।

किसी भी पटल पर फाइलें लंबित न रहें

इसमें पाया गया कि तीन दिन में नामांतरण के 100 प्रकरण, फ्री-होल्ड के 53 मामले और रिफण्ड के 40 प्रकरण निस्तारित हो गए। बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि आवंटी को बेवजह प्राधिकरण के चक्कर न लगवाए जाएं और किसी भी पटल पर फाइलें लंबित न रहें। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह बाद फिर से इसकी समीक्षा करेंगे, तब तक लंबित प्रकरणों की संख्या शून्य हो जानी चाहिए।

प्राप्त न होने के कारण निस्तारण में विलम्ब

बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा यह अवगत कराया गया कि आनलाइन प्रार्थना पत्रों में समय से वारिसान प्रमाण पत्र प्राप्त न होने के कारण निस्तारण में विलम्ब होता है। इस पर उपाध्यक्ष द्वारा ऐसे प्रकरणों का उल्लेख करते हुए जिला प्रशासन को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत समस्त विशेष कार्याधिकारी, नजूल अधिकारी, तहसीलदार व अन्य सभी सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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