106th birth anniversary of Pandit Deendayal: गरीब और दलित लोगों की आवाज थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय!
आज के दिन 1916 में पैदा हुए गरीब और दलित लोगों की आवाज और एक मजबूत राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 106वीं जयंती है...
आज के दिन 1916 में पैदा हुए गरीब और दलित लोगों की आवाज और एक मजबूत राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 106वीं जयंती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ (BJS) के सह-संस्थापक थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक थे।
क्या है अंत्योदय दिवस का उद्देश्य:-
भारतीय राजनीति के इतिहास की प्रमुख हस्तियों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को हर साल अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंत्योदय दिवस शब्द, जो हर साल उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है, का अर्थ है उत्थान, जो समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित है। इस दिन का उद्देश्य भारत के गरीब और पिछड़े लोगों के विकास की ओर ध्यान आकर्षित करना है। इसके साथ ही उपाध्याय को समाज और राजनीति में उनके योगदान के लिए याद करने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है।
पंडित ददन दयाल उपाधयाय की जयंती पर CM Yogi ने ट्वीट कर दी अंत्योदय दिवस की बधाई कहा,
“समस्त प्रदेश वासियों को ‘अंत्योदय दिवस’ की हार्दिक बधाई! श्रद्धेय पं. दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा प्रदत्त ‘अंत्योदय’ का विचार अंतिम पायदान पर खड़े सभी नागरिकों के समग्र उत्कर्ष हेतु प्रेरणा प्रदान करता है। आइए, ‘अंत्योदय’ की संकल्पना को साकार करने हेतु हम सभी प्रतिबद्ध हों।”
https://twitter.com/myogiadityanath/status/1573838944374247424?s=20&t=WV6jAOn2EWpWrAffUzfqLQ
अंत्योदय दिवस की शुरुआत कैसे हुई:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान, 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98 वीं जयंती के अवसर पर ‘अंत्योदय दिवस’ मनाने की घोषणा की थी, जिसे 25 सितंबर, 2015 से हर साल आधिकारिक तौर पर मनाया जा रहा है। अंत्योदय का नारा सबसे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने दिया था।
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