फर्जी दवाइयों का काला सच सामने ,फर्जी टेस्ट के आरोपों की CBI जांच होगी !

केजरीवाल सरकार अपने मोहल्ला क्लीनिकों पर बहुत गर्व महसूस करती है ,लेकिन उनपर पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट में घोटाले का आरोप लगा।

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली दवाओं के मामले में अब केजरीवाल सरकार की मुश्किलों में इजाफा होने वाला है। सरकारी अस्पतालों से लिए गए नमूनों को टेस्टिंग के लिए भेजा गया था। हालांकि, कुछ सैंपल जांच में फेल हो गए थे। इसके बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मामले में गृह मंत्रायलय से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। एमएचए ने आज सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है।

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पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट में घोटाले

दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी पैथोलॉजी-रेडियोलॉजी टेस्ट (Mohalla Clinic Fake Test Case CBI Inquiry) के आरोपों की अब CBI जांच होगी। केजरीवाल सरकार अपने मोहल्ला क्लीनिकों पर बहुत ही गर्व महसूस करती है ,लेकिन हाल ही में इन मोहल्ला क्लीनिकों में होने वाले पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट में घोटाले का आरोप लगा। बता दें कि केजरीवाल सरकार का महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट ‘मोहल्ला क्लीनिक’ की तर्ज पर ही पंजाब में भी छोटे-छोटे क्लीनिक खोले जा रहे हैं।

Mohalla Clinic scam: Lakhs of Fake Test Done in Mohalla Clinic Without  Patient - मोहल्ला क्लीनिक में बड़ घोटाला | दिल्ली News, Times Now Navbharat

 

विभाग को बढ़ाना चाहिए सैंपलिंग का दायरा

दिल्ली विजिलेंस डिपार्टमेंट की एक जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली की सरकारी लैब में भेजे गए 43 नमूनों में से 3 नमूने मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतर पाए। निजी लैब में भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से 5 नमूने फेल हो गए। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने सिफारिश की थी कि 10 फीसदी से ज्यादा सैंपल सही नहीं पाए गए। इसलिए विभाग को सैंपलिंग का दायरा बढ़ाना चाहिए। बता दें कि ये दवाएं सरकार की केंद्रीय खरीद एजेंसी द्वारा खरीदी गई थीं और सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों को आपूर्ति की गई थीं।

दिल्ली उपराज्यपाल ने मोहल्ला क्लीनिकों में 'फर्जी' परीक्षणों की सीबीआई जांच  की सिफारिश की

घटिया दवाओं और मोहल्ला क्लीनिक में कथित घोटाले

जांच रिपोर्ट के अनुसार, एक ही मोबाइल नंबर-9999999999 के साथ विभिन्न रोगियों के 3,092 रिकॉर्ड थे, जबकि 999 रोगियों के मामले में, उनके मोबाइल नंबर का 15 या अधिक बार दोहराव किया गया। इसी तरह, 11,657 मरीजों के नाम के आगे मोबाइल नंबर शून्य दर्ज था, जबकि 8,251 मरीजों के मामले में मोबाइल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया गया था सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही “घटिया दवाओं और मोहल्ला क्लीनिक में कथित घोटाले के लिए स्वास्थ्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

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