KGMU: टॉपर छात्र के वाइवा में फेल होने के मामले ने तूल पकड़ा, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान !
केजीएमयू में टॉपर छात्र के वाइवा में फेल होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मानवाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।
केजीएमयू में टॉपर छात्र के वाइवा में फेल होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मानवाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लिया है। इसके बाद हरकत में आए केजीएमयू प्रशासन ने छात्र की शिकायत के बाद छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। तत्काल कमेटी ने पीडि़त छात्र को बुलाकर बयान दर्ज किए। करीब दो घंटे छात्र के बयान दर्ज किए गए। आरोपी दो शिक्षकों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।
केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में टॉपर छात्र के वाइवा में फेल होने की जानकारी मिलते ही केजीएमयू में बवाल मचा था। मामला केजीएमयू में चर्चा का विषय बन गया। यौन उत्पीडऩ के आरोपों को लेकर भी खलबली मच गई। सभी के बीच छात्र द्वारा लगाए गए आरोपों पर विभाग का आकलन करते दिखे। सभी हैरान थे कि टॉपर छात्र वाइवा में कैसे फेल हो गया?
शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ के भी लगे आरोप
पीडि़त छात्र ने 12 पेज की चिट्ठी लिखी। इसमें सुपरस्पेशियालिटी पाठ्यक्रम (डीएम) के छात्र ने वाइवा में जानबूझकर फेल करने का जिक्र किया। पीडि़त ने विभागाध्यक्ष और दो अन्य शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्र ने अपने आरोप में एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ करने का भी इलजाम लगाया। छात्र का आरोप है कि शिक्षक मानसिक रूप से परेशान करते हैं। निजी काम कराते थे।
मामले को गंभीरता से लेते मानवाधिकार आयोग ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से मामले की विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए। यही नहीं 11 सितंबर को विस्तृत जांच कराकर आख्या प्रयागराज स्थित आयोग कार्यालय के समुख पेश करने को कहा।
6 सदस्यीय समिति बना कर हुई जाँच
वहीं मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में लेने के बाद केजीएमयू प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन डीन एकेडमिक्स डॉ. एके त्रिपाठी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। इसमें चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक अग्रवाल, डॉ. अनिल निश्चल, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अब्बास अली मेहदी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु शामिल हैं।
कमेटी ने जांच शुरू कर दी। पहले दिन पीडि़त छात्र को बुलाया। करीब दो घंटे छात्र से कमेटी के सदस्यों ने बातचीत की। उसके बयान दर्ज किए। इसके बाद आरोपित शिक्षकों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया। कमेटी ने पीडि़त से साक्ष्य के बारे में पूछताछ की है। छात्र ने साक्ष्य उपलब्ध कराने की बात कही है। अधिकारियों के मुताबिक पूरी बैठक की वीडियो रिकार्डिंग की गई है। शिक्षकों के बयान दर्ज कराने के लिए छह अक्तूबर को बुलाया गया है। इसके बाद साथी छात्रों को भी बुलाया जाएगा।
जानबूझ कर किया गया फेल ?
केजीएमयू के सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम (डीएम) के छात्र ने वाइवा में जानबूझकर फेल करने की बात कहते हुए विभागाध्यक्ष और कुछ शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए थे। छात्र के अनुसार उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के साथ ही एक शिक्षक यौन उत्पीडऩ करने की कोशिश भी करते थे। सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आयोजित हुई राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में छात्र ने देश भर में पांचवा स्थान हासिल किया था। छात्र के अनुसार उसका शैक्षणिक रिकॉर्ड शानदार रहा है, लेकिन दुर्भावना की वजह से उसे वाइवा में फेल किया गया है।
मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले इस छात्र का कहना है कि अभी तक अपनी डिग्री के लिए वह काफी कुछ सह रहा था। थीसिस में उनके गाइड ने विषय चयन और उसकी रूपरेखा में किसी प्रकार की मदद नहीं की। इसके बजाय अंतिम समय तक उसमें बदलाव कराते रहे। इसके साथ ही वे उससे काफी निजी काम भी कराते थे। इसके अलावा ऑनलाइन शॉपिंग में उससे मदद लेने के साथ ही पहले उसे सामान लेकर आने को कहा जाता और बाद में उसी को वापस करने का आदेश सुनाया जाता।
महिला शिक्षक ने लगातार किया परेशान
उसने बताया कि कई मौकों पर उसका यौन उत्पीडऩ करने की कोशिश भी की गई। इसी तरह विभागाध्यक्ष और एक अन्य महिला शिक्षिका ने भी उसे बराबर परेशान किया। यहां तक कि दूसरे प्रांत का होने की वजह से उसके साथ लगातार भेदभाव किया जाता रहा। वह किसी भी सूरत में अपनी डिग्री चाहता था, लेकिन अब उसे साजिश के तहत वाइवा में फेल कर दिया गया। छात्र ने केजीएमयू प्रशासन से थ्योरी और वाइवा दोनों का पुर्नमूल्यांकन जल्द से जल्द कराने की मांग की थी।