जालसाजी : निवेश का झांसा देकर 30 लाख हड़पने वाले निदेशक पर मुकदमा !

आरोपी ने कृष्णा ग्रामोद्योग चलाने वाली महिला को निवेश की गई रकम पर 40 प्रतिशत की दर से मुनाफा देने का दावा किया था

लखनऊ : आई विजन क्रेडिट सोसाइटी के निदेशक के खिलाफ गोमतीनगर कोतवाली में 30 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी ने कृष्णा ग्रामोद्योग चलाने वाली महिला को निवेश ( invest ) की गई रकम पर 40 प्रतिशत की दर से मुनाफा देने का दावा किया था। आरोपी निदेशक की इस हरकत से ग्रामोद्योग व्यापार भी ठप पड़ गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

ग्रामोद्योग संचालन के लिए बैंक से लोन ले रखा था

नाका रानीगंज निवासी पीडि़ता सुनीता तिवारी के मुताबिक अगस्त 2019 में आई विजय का निदेशक अजीत गुप्ता से उनकी मुलाकात हुई थी। सुनीता के अनुसार उन्होंने ग्रामोद्योग संचालन के लिए बैंक से लोन ले रखा था। यह बात अजीत को पता चलने पर उसने कम्पनी में निवेश करने के लिए कहा था। उसका दावा था कि प्रतिवर्ष 40 प्रतिशत की दर से मुनाफा मिलेगा। जिससे बैंक के लोन की किस्तें आसानी से निकल जाएगी।

सभी लोगों को समय पर भुगतान किया जाता

सुनीता के मुताबिक वह गोमतीनगर विराटखण्ड स्थित आईविजन के दफ्तर भी गई थी। कम्पनी का स्थाई कार्यालय अयोध्या कुमारगंज में था। ऐसे में वहां जाकर भी सुनीता ने पड़ताल की थी। इस दौरान कम्पनी के कर्मचारियों ने रजिस्टर दिखाए थे। जिनमें निवेशकों के नाम और पते दर्ज थे। दावा था कि सभी लोगों को समय पर भुगतान किया जाता है।

क्रेडिट सोसाइटी में अकाउंट में ट्रांसफर किए

अजीत के प्रलोभन में फंस कर 30 सितंबर 2019 को बैंक से लिए गए 30 लाख रुपये आईविजन क्रेडिट सोसाइटी में अकाउंट में ट्रांसफर किए थे। लेकिन उन्हें मुनाफा नहीं मिला था। पूछताछ किए जाने पर अजीत और उसके कर्मचारी जल्द ही रुपये देने की बात कहते थे। कई महीने तक वह आरोपी की बात पर विश्वास कर इंतजार करती रही थीं। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश चन्द्र मिश्र के मुताबिक पीडि़ता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

रोजगार का संकट खड़ा हो गया

सुनीता के मुताबिक बैंक से किस्तें भरने के लिए लगातार दबाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामोद्योग में कई महिलाओं को भी रोजगार मिला था। लेकिन आईविजन के निदेशक अजीत गुप्ता के कारण उनका व्यापार भी ठप पड़ गया है। ग्रामोद्योग में काम करने वाली महिलाओं को भी वह रुपये नहीं दे पा रही हैं। जिसके कारण उनके लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

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