भारत के इस राज्य के लोग अभी नहीं खा सकेंगे निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला, SC ने लगाया प्रतिबन्ध !
तमिलनाडु सरकार ने तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला जैसे चबाने योग्य खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, परिवहन

तमिलनाडु सरकार ने तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला जैसे चबाने योग्य खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, परिवहन, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध को एक और साल के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जनवरी में मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य सरकार की अपील पर तमिलनाडु में गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध को रद्द कर दिया गया था।
ऐसी शक्ति केवल संसद के पास उपलब्ध
राज्य ने अपनी अपील में शीर्ष अदालत को बताया कि गुटखा, पान मसाला और अन्य संबंधित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मंजूरी शीर्ष अदालत के 2013 के फैसले से स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और प्लास्टिक कचरे के उत्पादन को देखते हुए मिली थी।पान मसाला और गुटखा की बिक्री पर राज्य भर में प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न खतरों के कारण खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी की गई थी। तंबाकू व्यापारियों और निर्माताओं ने राज्य की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास स्थायी प्रतिबंध जारी करने की शक्ति नहीं है क्योंकि ऐसी शक्ति केवल संसद के पास उपलब्ध है।
खाद्य मानकों के लिए मुकदमा
तंबाकू कारोबारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘प्रतिबंध इसका जवाब नहीं है। आप खाद्य मानकों के लिए मुकदमा कर सकते हैं। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश इस आधार पर पारित किया गया था कि प्रतिबंध राज्य द्वारा एक बार की शक्ति के रूप में प्रयोग किया जा सकता है और एक अनंत प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा और मानक (निषेध और प्रतिबंध) के तहत विचारित शक्तियों के भीतर नहीं था।
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