डायोसीज़ ऑफ लखनऊ चर्च ऑफ इंडिया के बिशप मोस्ट रेवेन्ड्रेड जॉन अगस्टीन ने किया बड़ा खुलासा !
बिशप ऑफ़ लखनऊ ने आज प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एंड चिट्स, प्रयागराज द्वारा 3 अगस्त 2022 को दिया गया आदेश...
बिशप ऑफ़ लखनऊ ने आज प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एंड चिट्स, प्रयागराज द्वारा 3 अगस्त 2022 को दिया गया आदेश, जो दि इलाहाबाद हाईस्कूल सोसाइटी के सम्बन्ध में किया गया वह पूरी तरह से अवैध व विधि विरुद्ध है। क्योंकि दि इलाहाबाद हाईस्कूल सोसाइटी के सम्बन्ध में 20 जून 2015 में तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार द्वारा चर्च ऑफ नार्थ इंडिया व सभी के प्रपत्रों को निरस्त करते हुए मुझे, जॉन अगस्टीन को बिशप ऑफ़ लखनऊ व चेयरमैन माना। उसके बाद मामला माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट दाखिल की गई। जिसकी रिट संख्या 34333/15 है। जिसमें माननीय न्यायालय ने दिनांक 05/06/2015 को यथा स्थिति बरक़रार रखी। अब अचानक सहायक रजिस्ट्रार साहब को क्या ऐसा लगा कि उन्होंने अपने पूर्व के आदेश को अनदेखा करते हुए एक नया आदेश दिनांक 3 अगस्त 2022 को मनमाने ढंग से कर दिया।
बिशप ऑफ़ लखनऊ ने प्रश्न करते हुए कहा कि
1. क्या सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज के ऊपर कोई दबाव है? क्या साहब किसी दबाव में काम कर रहे हैं ?
2. क्या सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज ने जानबूझ कर ऐसा आदेश 3 अगस्त 2022 को किया जबकि पूर्व में दिनांक 15 मार्च 2021 एवं 17 दिसंबर 2021 को दिए गए प्रत्यावेदन के सम्बन्ध में यह कहते हुए निस्तारित कर दिया गया था कि माननीय उच्च न्यायलय में योजित याचिका संख्या 34333/ 2015 में पारित यथास्थिति के आदेश के प्रभावी रहते हुए कार्यालय द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता ?
3. क्या सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज को उत्तर प्रदेश सरकार व माननीय उच्च न्यायालय से कोई डर नहीं ? वह सबसे ऊपर हो गये ?
4. क्या सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज ने अपने आदेश दिनांक 03-08-2022 को कर उत्तर प्रदेश सरकार व माननींय उच्च न्यायलय को एक चुनौती दी है ? कि मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता ?
अंत में उन्होंने कहा कि मेरी यह विनती सिर्फ माननीय मुख्यमंत्री जी से है। आगे उन्होंने मीडिया बंधुओं से कहा कि मेरी बात तत्काल मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाए जिससे हम सब को न्याय मिल सके।