उन्नाव : काल बना सबमर्सिबल का पानी, लील गया मासूमों की जिंदगानी !
मजदुर पिता ने बताया की दूसरे घर में सुरक्षा के लिहाज से अभी दरवाजे पल्ले नही लग पाए है जिस वजह से अभी रहना नही शुरू किया
सदर कोतवाली क्षेत्र के मौकीखेड़ा गांव में गुरुवार सुबह कच्ची छत के नीचे माँ व दो मासूम ( Innocent ) सो रहे थे। अचानक छत गिरने से मां व दो मासूम मलबे बच्चे दब गए। छत गिरते ही जोरो से आवाज आई। पास पड़ोस के लोग दौड़े। ग्रामीणों के द्वारा मलबा हटाया गया। काफी देर तक मिट्टी हटाने के बाद मलबे में दबे हार्दिक (12) व हर्षित (6) की मौत हो चुकी थीं। वही मां सोनी को मोहल्ले के लोगों ने मलबा हटा कर बचा लिया। तो वहीं परिजनों ने बच्चों का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर शवों को घर ले गए।
पिता कानपुर में करता है मजदूरी
मासूमों की मौत के बाद पिता मुकेश कुमार ने बताया कि वह कानपुर में मजदूरी करता है। उसका दूसरा घर भी मोहल्ले में ही है वहां दरवाजे नहीं लगे हैं जिसके चलते उसकी पत्नी और बेटे पुराने वाले घर में सोते थे और आज अचानक यह घटना हो गई है।
मिल चुका है पीएम आवास
मुकेश ने बताया कि उसे पीएम आवास पहले ही मिल चुका है और उसने मोहल्ले में ही घर बनवा लिया था। घर मे सुरक्षा के लिहाज से अभी दरवाजे पल्ले नही लग पाए है जिस वजह से अभी रहना नही शुरू किया है।