आईएएस पूजा खंडेकर की नौकरी पर लटकी तलवार, दोषी पाई जाने पर होगी बर्खास्त

हमेशा अपनी मांग को लेकर विवादों में फंसी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं. उन पर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट और ओबीसी प्रमाण पत्र देने का आरोप है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिने से एक आईएएस काफी सुर्खियों मे हैं, जिनका नाम है पूजा खेडकर है। पूजा खेडकर इस समय ट्रेनी IAS ऑफिसर जो इन दिनो अपने UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिर गई हैं। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने विकलांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके IAS में पद हासिल किया। जिसको लेकर पीएमओ ने संज्ञान लिया है। अब उनकी सेलेक्शन प्रक्रिया की जांच के लिए एक कमेटी की गई है। केन्द्र सरकार ने 11 जुलाई को वेरीफाई की जांच के लिए सिंगल कमेटी का गठन किया गया है। जिनमे पूजा की विकलांगता,  OBC आरक्षण सहित  कई सारी जांच की जाएगी। यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर करेंगे। इस जांच का मकसद 2023 बैच की अधिकारी खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों में पेश करेगी। जाँच में दोषी पाये जाने पर बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।
मां सरपंच, पिता रिटायर्ड अफसर... कौन हैं IAS पूजा खेडकर, जिनके खुद के नाम  है 17 करोड़ की संपत्ति - Mother Sarpanch father retired officer Who is IAS  Pooja Khedkar has own
बता दे कि  पूजा खेडकर 2022 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2023 में 841वीं रैंक पाकर आईएएस अधिकारी बन गईं। महाराष्ट्र के पुणे में अपना प्रोबेशनरी पीरियड पूरा किया और ट्रांसफर होने के बाद वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर बनकर पहुंच गईं। लेकिन कहानी महज इतनी नहीं है। पूजा खेडकर के साथ बहुत सारे विवाद खड़े हो गए हैं। आरोप हैं कि पूजा खेडकर ने पुणे में रहते हुए कई अधिकारियों को परेशान किया। अलग-अलग तरह की डिमांड की। यहीं नहीं, उन्होंने अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर लाल बत्ती का इस्तेमाल किया।

दिव्यांग श्रेणी से पास की परीक्षा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा खेडकर ने 2019 में जनरल कैटेगरी से यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा दी थी, लेकिन नंबर कम आने के कारण उनका चयन आईएएस पद पर नहीं हो सका. दूसरी बार उन्होंने दिव्यांग श्रेणी से परीक्षा पास की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2 फरवरी, 2022 को पूजा खेडकर को नियुक्ति देने से मना कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा करते हुए कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था।

कैसे मिली नियुक्ति?

कोर्ट ने जुलाई और सितंबर 2022 के बीच चार बार उनकी मेडिकल जांच निर्धारित की. वह चारों बार उपस्थित नहीं हुईं और इसलिए न्यायाधिकरण ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि 2023 में उनका हलफनामा विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत प्रस्तुत किया गया और परिणामस्वरूप उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई।

फर्जी सर्टिफिकेट देने का आरोप

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार खेडकर ने कथित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था. अप्रैल 2022 में उन्हें अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया।

कहां हुआ तबादला?

पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को मंगलवार को मध्य महाराष्ट्र के वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि वह एक सिविल सेवक के रूप में सत्ता के कथित दुरुपयोग को लेकर विवाद के केंद्र में पाई गई थीं. आधिकारिक आदेश के अनुसार, पूजा खेडकर 30 जुलाई, 2025 तक वाशिम में अपने प्रशिक्षण का शेष कार्यकाल पूरा करेंगी।

 

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