बृजभूषण का हुआ आज पर्दा फाश, क्या पहलवानो को अब मिल पायेगा इंसाफ !
बृजभूषण पर महिला पहलवानो का आरोप सही निकला पहलवानो का धरना प्रदर्शन सफल रहा जितनी सफाई से बृजभूषण झूट बोल रहा था आज उतनी ही सफाई के साथ उसका कला सच निकल के बहार आ गया है

बृजभूषण पर महिला पहलवानो का आरोप सही निकला पहलवानो का धरना प्रदर्शन सफल रहा जितनी सफाई से बृजभूषण झूट बोल रहा था आज उतनी ही सफाई के साथ उसका कला सच निकल के बहार आ गया है जो व्यक्ति पहलवानो के आसुओ को झूठा साबित करने में लगे थे आज वही उस दलदल में गिर गए है ये मामला काफी दिनों से उलझा हुआ था की आखिर बृजभूषण को सजा मिलेगी या नहीं महिला पहलवानो को इंसाफ मिलेगा या नहीं ।
क्या पहलवानो को अब मिल पायेगा इंसाफ
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज दोनों एफआईआर सामने आ गई हैं। एफआईआर में बृजभूषण के खिलाफ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के एक दो नहीं बल्कि 10 मामलों का जिक्र है। इसमें बृजभूषण के खिलाफ यौन संबंध बनाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। शिकायत में गलत तरीके से छूना, किसी बहाने से छाती के ऊपर हाथ रखने की कोशिश या हाथ रखना, छाती से पीठ तक हाथ को लेकर जाना, पीछा करना शामिल है। पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को शिकायत दी थी।
यौन उत्पीड़न के एक दो नहीं बल्कि 10 मामलों का जिक्र
28 अप्रैल को हुई दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है। पहली एफआईआर में छह वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं। इसमें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के सचिव विनोद तोमर का भी नाम है। दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर दर्ज की गई है। यह पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत है जिसमें पांच से सात साल सजा का प्रावधान है। एफआईआर में जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुईं। पीड़िता से कहा, वह टच में रहे तो उसे सपोर्ट करेगा।
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