ऐसे ED के जाल में फंसते हैं ये बड़े दिग्गज, जानिए कैसे काम करती हैं ये एजेंसी ?
क्या आपको पता हैं आखिर ईडी नाम ने ये जाँच एजेंसी आखिर में हैं क्या ? कैसे ये बड़े बड़े एक्शन बड़ी ही आसानी से ले लेती है ?
आपने अक्सर सुना खबरों के माध्यम से होगा की ईडी ने यहां छापेमारी की, ईडी ( Enforcement Directorate ) ने इस नेता को पूंछताछ के बुलाया।
इस एजेंसी ने फैला कार्यवाही की या फिर इस बड़े नेता को समन भेजा। लेकिन क्या आपको पता हैं आखिर ईडी नाम ने ये जाँच एजेंसी आखिर में हैं क्या ? कैसे ये बड़े बड़े एक्शन बड़ी ही आसानी से ले लेती है ? आज हम आपको इस खबर में यही बताने जा रहे है। आखिर ये कैसे काम करती है ? देश के लोकतंत्र में इसकी क्या भूमिका है ? आइए जानते है :
आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है। जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने व आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। यह राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का एक हिस्सा है। करीब 70 फीसदी अधिकारी अन्य संस्थानों से नियुक्ति पर आते हैं। आपको बता दें ईडी का अपना कैडर है।
मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों पर कड़ी नज़र रखना
प्रवर्तन निदेशालय का मुख्य उद्देश्य भारत में मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों पर कड़ी नज़र रखना है। इसके लिए भारत सरकार के दो प्रमुख अधिनियमों को लागू करना भी सामने आता है। जैसे विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 व धन शोधन निवारण अधिनियम 2002। अआप्को बता दें ईडी की आधिकारिक वेबसाइट इसके अन्य उद्देश्यों को सूचीबद्ध करती है। जो मुख्य रूप से भारत में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से संबंधित हैं।
एक या अधिक सत्र न्यायालयों को विशेष अदालतों के रूप में नामित
केंद्र सरकार (उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से) पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराधों की सुनवाई के लिए एक या अधिक सत्र न्यायालयों को विशेष अदालतों के रूप में नामित करती है। अदालत को “पीएमएलए कोर्ट” भी कहा जाता है। पीएमएलए अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश के खिलाफ कोई भी अपील सीधे उस अधिकार क्षेत्र के लिए उच्च न्यायालय में दायर की जा सकती है।