यूपी में धर्मांतरण कराने वाले 12 को उम्रकैद, हिंदू से मुस्लिम बने उमर ने हजारों लोगों का धर्मांतरण

धर्मांतरण के मामले में मौलाना उमर गौतम व कलीम सिद्दकी समेत 14 आरोपियों को एनआईए एटीएस (NIA ATS) कोर्ट ने दोषी पाया है. सभी आरोपियों को कोर्ट कल सजा सुनाएगी।

यूपी में अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ की NIA कोर्ट ने बुधवार को 12 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 4 दोषियों को 10-10 साल की सजा दी गई। फैसला सुनाया गया तो सभी दोषी कोर्ट में मौजूद रहे। अवैध धर्मांतरण मामले में यह पहला केस है, जिसमें एक साथ 16 लोगों को सजा दी गई।

मंगलवार को NIA-ATS कोर्ट के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सभी को दोषी को करार दिया था। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ATS ने बताया कि ये नौकरी समेत कई तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराते थे। फतेहपुर का मोहम्मद उमर गौतम गिरोह का सरगना है, वह खुद हिंदू से मुसलमान बना था। फिर उसने करीब एक हजार लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराया। सभी को जेल भेज दिया गया।

इन्हें मिली उम्रकैद

सरकारी वकील एमके सिंह ने बताया कि अवैध धर्मांतरण मामले में कुल 17 आरोपी थे। एक आरोपी इदरीश कुरैशी को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। कोर्ट ने मोहम्मद उमर गौतम, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, भुप्रियबंदों मानकर उर्फ अरसलान मुस्तफा, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, कौशर आलम, डॉक्टर फराज शाह, मौलाना कलीम सिद्दीकी, धीरज गोविंद, सरफराज अली जाफरी,अब्दुल्ला उमर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि मन्नू यादव उर्फ अब्दुल, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को 10-10 साल की सजा दी गई है।

1000 लोगों का किया धर्म परिवर्तन

आरोपी उमर गौतम ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वह लगभग एक हजार गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। उनकी बड़ी संख्या में मुसलमानों से शादी कराई है। यह भी बताया है कि धर्म परिवर्तन के लिए ही जोगाबाई एक्सटेंशन जामिया नगर दिल्ली में इस्लामी दवाह सेंटर (आईडीसी) नामक संस्था संचालित की जा रही है।

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