चौकाने वाला रिपोर्ट: देश में बढ़ रही आत्महत्या करने वालो की संख्या !
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगातार सुसाइड के केस में बढ़ोतरी हो रही है। जिसमें 7.2 परसेंट बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगातार सुसाइड के केस में बढ़ोतरी हो रही है। जिसमें 7.2 परसेंट बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 1967 के बाद देश में पहली बार सबसे अधिक आत्महत्या की केस 2021 में दर्ज की गई है।
बीते साल प्रति दस लाख की आबादी पर 120 लोगों ने खुदकुशी की है। जोकि इस साल 2020 के मुकाबले में 6.1 फ़ीसदी जाता है। इससे पहले सबसे ज्यादा आत्महत्या केस की दर वर्ष 2010 में रिकॉर्ड किया गया था। तब 10 लाख लोगों में 113 लोगों ने सोसासाइड की थी।
सुसाइड करने वालों में सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय लोग
आंकड़े बताते हैं कि सुसाइड करने वालों में सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय लोग हैं। जिनके पास पैसे कम है या जीने के संसाधन की कमी होती है। आत्महत्या के मामले में दो तिहाई लोग प्रतिवर्ष ₹एक लाख से कम कमाने वाले वर्ग के ज्यादा लोग हैं। जबकि व्यापारी तथा प्रतिदिन कमाने वाले लोगों में भी आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। हम आपको बताते चलें कि वही पूरे देश में अपराधिक मामले भी खूब बड़े हैं। 2019-20 दोनों की तुलना में 2021 में अपराध तेजी से बढ़े हैं।
महामारी से संबंधित अपराधों को नहीं देखा जाए तो 2020 में 46 लाख और 2021 में पचास लाख अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। हम आपको बताते चलें कि जब पूरा देश से कोरोना से जूझ रहा था। देश में लॉक डाउन चल रहा था। तब अपराध में बड़े स्तर पर कमी आई थी। दुर्घटनाएं भी बहुत कम हुई थी। 2020 और 21 में भूकंप कंप, बाढ़ या गर्मी से होने वाली आकस्मिक मौतें कम दर्ज की गई। 2020 में जहां 7,405 लोगों की आकस्मिक मौत हुई वहीं 2021 में 7,126 लोगों की जान गई। 2019 में आकस्मिक मौत से मरने वालों की संख्या 8,145 थीं। देश में सुसाइड करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है मानसिक दबाव या पैसा न कमा पाना , परिवार में कोई समस्या हो, तो ऐसी स्थिति में लोग सुसाइड कर लेते हैं और अपनी जान दे देते हैं।
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