‘ साहब ने पुणे में छुपा रखे हैं 54 करोड़ ‘ : निशिकांत दुबे
उन्होंने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा- जानकारी के मुताबिक झारखंड के एक बड़े नेता ने पुणे के लोढ़ा बिल्डर से 54 करोड़ की बेनामी संपत्ति ली
इन दिनों भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( Hemant soren ) पर हमला करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार देर रात ट्वीट किया है।
लोढ़ा बिल्डर से 54 करोड़ की बेनामी संपत्ति ली
आपको बता दें इस बार उन्होंने अपने ट्वीट में पुणे के लोढ़ा बिल्डर से खरीदी 54 करोड़ रुपये की संपत्ति के राज का खुलासा किया है | तो वहीं निशिकांत ने खुलासा किया कि साहब ने पुणे में 54 करोड़ छिपाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा- जानकारी के मुताबिक झारखंड के एक बड़े नेता ने पुणे के लोढ़ा बिल्डर से 54 करोड़ की बेनामी संपत्ति ली है?
जानकारी के अनुसार पूणे में लोधा बिल्डर के यहाँ झारखंड के बड़े नेता ने 54 करोड़ की बेनामी संपत्ति ली है? @dir_ed
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 4, 2022
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मुख्यमंत्री विभीषण और सुप्रीम एडवाइजर
इससे पहले बीजेपी सांसद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खास पिंटू श्रीवास्तव और पंकज मिश्रा को भी अलग-अलग ट्वीट कर भड़काया था। सूत्रों के मुताबिक अब झारखंड के मुख्यमंत्री विभीषण और सुप्रीम एडवाइजर की बारी है। जिससे दोनों दरबारियों के अंदर और बाहर बिखरा हुआ है। वैसे परम ज्ञान पिंटू श्रीवास्तव के हैं। जल्द ही खनन पट्टों की धमकियों की खुशी में केंद्रीय एजेंसियों के सामने होगी।
सूत्रों के अनुसार अब बारी झारखंड के मुख्यमंत्री जी के विभीषण व परम सलाहकार जिनके कारण अंदर व बाहर दोनों दरबारी बिखर गए वैसे परम ज्ञानी पिंटू श्रीवास्तव की है,जल्द ही माइनिंग लीज़ धौंस से लेने के ख़ुशी में केंद्रीय एजेंसियों के सामने होंगे
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 4, 2022
कट्टर विरोधी निशिकांत दुबे लगातार ट्वीट कर हंगामा कर रहे
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक पंकज मिश्रा को लेकर किए गए एक ट्वीट में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बस इतना ही लिखा- पंकज भाग, पंकज भाग भाग। हेमंत के कट्टर विरोधी निशिकांत दुबे लगातार ट्वीट कर हंगामा कर रहे हैं। विशेष रूप से वह ईडी की गतिविधियों के बारे में सूत्रों के सामने पता लगाता है। जिसके बाद उसके द्वारा दी गई जानकारी की जांच शुरू होती है। कई मौकों पर सांसद का ट्वीट सटीक होता है।