#इस्तीफा : सामने आया योगी के मंत्री दिनेश खटीक का नराजगी भरा पत्र व मुख्य वजह !

100 दिन के काम का खाका मांगने पर उन्हें विभाग के सचिव अनिल गर्ग को फ़ोन किया तो उन्होंने जानकारी देना तो दूर उनका फ़ोन तक नहीं उठाया

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री रहे दिनेश खटीक ( dinesh khatik ) ने अपना इस्तीफा सरकार को सौंपा है। इसका कारण भी उन्होंने थोड़ा अजीबो गरीब दिया है।

जानकारी देना तो दूर उनका फ़ोन तक नहीं उठाया

बकौल जलशक्ति मंत्री विभाग में उनकी कोई सुनता नहीं था। अगर वो सरकार के द्वारा चलायी जा रही किसी योजना के बारे में अधिकारियों से पूंछते तो उन्हें इसपर कोई जवाब नहीं मिलता था। साथ ही उन्होंने कहा की 100 दिन के काम का खाका मांगने पर भी उन्हें विभाग के सचिव अनिल गर्ग को फ़ोन किया तो उन्होंने जानकारी देना तो दूर उनका फ़ोन तक नहीं उठाया।

पत्र जारी करते हुए उन्होंने इन सभी बातों का जिक्र

पत्र में दिनेश खटीक ने लिखा है कि जल शक्ति विभाग में दलित समुदाय के राज्य मंत्री होने के नाते उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दलित होने के कारण विभाग का कोई अधिकारी व अफसर उनकी बात नहीं सुनता है। एक पत्र जारी करते हुए उन्होंने इन सभी बातों का जिक्र किया है।

भारत सरकार
नई दिल्ली

“सादर अवगत कराना है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा जी एवं श्री अमित शाह जी के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज माजरा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है।

सूचना अभीतक नहीं दी गयी

सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते है। इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। श्री योगी आदित्यनाथ, मामुख्यमंत्री जी के जीरो टारलेस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या-300/ ज.ग.पि / 2022 दिनांक 09.7:2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है।

नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार

मुझे विभाग में अभीतक कोई अधिकार नहीं दिया गया है इसलिये मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है। मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरूद्ध करता हूँ तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

मैं दलित समाज से हूँ और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और यह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाये। जब साथ हो रहे अन्नाय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूँ अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरी ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।

मुझे मेरे ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तो तवज्जो न दिये जाने के कारण एवं दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने के कारण और प्रधानमंत्री जी के योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धन वसूली की गयी है। इन्हीं सब बातों से आहत होकर में अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूँ।”

इस पत्र के साथ ही मंत्री ने अपना इस्तीफा भी सौंपा है। बहरहाल अभी तक सरकार कि तरफ से इसपर कोई भी कार्यवाही सामने नहीं आयी है। अब देखना होगा कि योगी सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है ?

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