असम राइफल्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया पत्र !
पत्र में लिखा गया अलग-अलग लिखा है और दोनों की मांग भी अलग-अलग है। ये रैली राज्य में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद निकाली गई थी।
मणिपुर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है जातीय हिंसा की इस लड़ाई में अभी तक मणिपुर में हिंसा जारी है इस बीच देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स पर विवाद शुरू हो गया है। विरोध ऐसा है कि राज्य के दो प्रमुख समुदाय मैतेई और कुकी एक दूसरे के सामने हैं। दोनों समुदायों के विधायक ने असम राइफल्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया अलग-अलग लिखा है और दोनों की मांग भी अलग-अलग है। ये रैली राज्य में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद निकाली गई थी।
देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 40 विधायकों (अधिकांश मैतेई) ने जातीय हिंसा के दौरान तैनात असम राइफल्स को राज्य से हटाने की मांग की। 40 विधायकों के पत्र में कहा गया है कि असम राइफल्स को उनकी वर्तमान तैनाती वाली जगहों से हटाया जाए और उनकी जगह राज्य में सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने के लिए राज्य सुरक्षा बलों के साथ विश्वसनीय केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए।
मणिपुर के कुकी विधायकों ने PM को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन में विधायकों ने कहा कि भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल असम राइफल्स अपनी स्थापना के बाद से ही देश की आंतरिक और बाहरी रक्षा में योगदान कर रहा है। आदिवासी विधायकों ने कहा कि अब तक, असम राइफल्स मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, सीआरपीएफ आदि जैसे अन्य केंद्रीय बलों के साथ संयुक्त रूप से कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा, “हम, मणिपुर के 10 आदिवासी विधायक विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और आपके आशीर्वाद व तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं।
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