#BOLLYWOOD: क्यों नहीं रहे सैफ़ अली ख़ान अपने ही सम्पति के मालिक !

बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान अपने असल जिंदगी में नवाबो के ख़ानदान से ताल्लुकात रखते है।

बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान अपने असल जिंदगी में नवाबो के ख़ानदान से ताल्लुकात रखते है। सैफ अली खान पटौदी के दसवें नवाब हैं। पटौदी ख़ानदान के वारिस होने के नाते ये तो तय है कि वह अपार संपत्ति के मालिक होंगे।

आपको बता दे कि सैफ अली खान के पिता का नाम मंसूर अली खान पटौदी है। मंसूर अली खान खानदानी प्रॉपर्टी 5000 करोड़ रुपये तक है। यानी सैफ अली खान 5000 करोड़ की संपत्ति के वारिस हैं। लेकिन ऐसा नहीं है ,उनकी इतनी प्रॉपर्टी के मालिक उनके बेटे नहीं हो सकते हैं।

 

एनिमी डिस्पुट एक्ट के अंडर पटौदी की प्रॉपर्टी

जानकारी के अनुसार , पटौदी परिवार से जुड़े कई सामान एनिमी डिस्पुट एक्ट के अंडर में आता हैं। इसलिए इसमें कोई भी व्यक्ति इस संपत्ति का उत्तराधिकारिक होने का दावा नहीं कर सकता है।

और अगर कोई व्यक्ति इसका विरोध करना चाहता है और अपने प्रॉपर्टी का अधिकार लेना चाहता है तो उसे इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। जिसमे वह हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट आदि का सहारा लेना पड़ेगा।

पाकिस्तान तक जा सकता है विवाद

साथ ही यह जानकारी भी सामने आयी है कि सैफ अली खान के परदादा ‘हमीदुल्ला खान’ ब्रिटिश शासन के तहत नवाब थे। और उन्होंने अपने संपत्तियों के लिए वसीयत नहीं तैयार करवाई थी। जिसके वजह से परिवार में विवाद हो सकता हैं। पटौदी खानदान के अन्य लोग जो अभी पाकिस्तान में है उनका विवाद सैफ अली खान से हो सकता हैं। जानकारी के मुताबिक सैफ अली खान को अपने हक़ के लिए लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

क्या होता है एनिमी एक्ट?

भारत के आज़ादी के बाद , जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ उस समय भारत से काफी लोग पाकिस्तान चले गए और काफी लोग भारत भी आए। आपको बता दे कि, जो लोग आजादी के बाद भारत से पाक जाकर बस गए थे। उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया। उन सभी संपत्तियो को भारत की ‘रक्षा अधिनियम 1962 के तहत बनाए गए शत्रु संपत्ति अधिनियिम के तहत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है।

जो संपत्ति शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत आती है। उस संपत्ति का मालिक अपने संपत्ति को किसी को ट्रासंफर नहीं कर सकता है। हालांकि, इसमें कई संशोधन भी लागए गए हैं। जिसमे उनके उत्तराधिकारियों को भी शामिल कर लिया गया है फिर चाहे वो किस भी देश में रहते हों। इस वजह से यह पेंच और फंस गया है। डाटा के अनुसार भारत में 9280 लोगों की ऐसी ही संपत्ति है।

 

 

 

 

 

 

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