AAP नेता आतिशी ने ली CM पद की शपथ, बनीं दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री
आतिशी (Atishi) को राजनिवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह (Atishi Oath Ceremony) में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई. इसी के साथ आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री भी बन गई हैं.
दिल्ली की नए मुख्यमंत्री (Delhi New CM) के रूप में आतिशी ने आज शपथ ग्रहण (Atishi Oath Ceremony) की. राजनिवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई. इसी के साथ आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री भी बन गई हैं. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के आला नेता शामिल रहे.
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को आज नया मुख्यमंत्री मिल गया. उपराज्यपाल सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 5 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली.
बता दें कि केजरीवाल के इस्तीफे से पहले आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी को नया नेता चुना गया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाली आम आदमी पार्टी की आतिशी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला नेता होंगी.
आतिशी ने आम आदमी पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. वह 2013 में चुनावी डेब्यू करने वाली आम आदमी पार्टी का पहला मैनिफेस्टो तैयार करने वाली घोषणापत्र मसौदा समिति की भी सदस्य रहीं और शुरुआती दिनों में पार्टी की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता के रूप में भी आतिशी ने प्रमुख मंचों पर मजबूती से पार्टी का पक्ष रखा.
आतिशी 4 साल पहले बनीं थी विधायक
आतिशी पहली बार 2020 में विधायक निर्वाचित हुई थीं. आतिशी 2020 के दिल्ली चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. 2023 में आतिशी को पहली बार केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली और उनको उस शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई जिसके लिए वह बतौर सलाहकार मनीष सिसोदिया के साथ काम कर चुकी थीं. केजरीवाल ने जेल में रहते करीब एक महीने पहले ही स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए भी आतिशी के ही नाम का प्रस्ताव एलजी से किया था. हालांकि एलजी ने कैलाश गहलोत को यह दायित्व सौंपा था.
तिहाड़ से रिहाई के बाद केजरीवाल ने दिया था इस्तीफा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल 13 सितंबर को आबकारी नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद बाहर आए. दो दिन बाद केजरीवाल ने कहा था कि भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के बाद वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में दिल्ली की जनता से ईमानदारी का प्रमाण पत्र मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री पद पर वापस लौटेंगे।
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