आपराधिक प्रवृत्ति वाले प्रत्याशी की 48 घण्टे के भीतर देनी होगी सूचना, निर्वाचन आयोग ने दिया आदेश
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को प्रत्याशी ( candidates ) बनाने के 48 घण्टे के भीतर राजनैतिक दलों को उसके चयन के बारे में अवगत कराना होगा। राजनैतिक दल को समाचार पत्रों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं पार्टी की वेबसाइट पर बताना होगा |
न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के तहत
उस उम्मीदवार का चयन पार्टी द्वारा क्यों किया गया है? यह निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने चुनाव में शुचिता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के तहत दिए हैं।
सम्बन्ध में सूचनायें प्राप्त
श्री शुक्ला ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उप्र द्वारा इस बात के प्रयास किये जा रहे हैं कि सभी जन सामान्य को प्रत्याशियों के सम्बन्ध में सूचनायें प्राप्त हो सकें। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा इस बात का भी प्राविधान किया गया है |
प्रकाशन समाचार पत्रों, टीवी चैनलों आदि में
ऐसे सभी प्रत्याशी जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है, उनको स्वयं भी अपने बारे में अभ्यर्थितायें वापस लेने की अन्तिम तिथि से प्रचार अवधि समाप्त होने की तिथि तक कम से कम तीन बार इसका प्रकाशन समाचार पत्रों, टीवी चैनलों आदि में कराना होगा।
सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को दी गई
उन्होंने कहा कि इस प्रकार आपराधिक पृष्ठभूमि के दृष्टिगत इस सूचना को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदारी प्रत्याशी एवं राजनैतिक दल दोनों को दी गई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल एवं भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभी तक प्रथम चरण के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 28 उम्मीदवारों के चयन के सम्बन्ध में सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को दी गई है।
पत्र के माध्यम से अनुरोध
यह भी अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा सूचना का प्रकाशन विभिन्न समाचार पत्रों में कराया जा चुका है। शेष दलों से यह सूचना प्राप्त करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है।
केवाईसी एप विकसित किया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विधान सभा चुनाव के प्रथम चरण की अधिसूचना 14 जनवरी को जारी हो चुकी है तथा 21 को नामांकन की अन्तिम तिथि है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपरोक्त के क्रम में केवाईसी एप विकसित किया गया है, जिसे एन्ड्रॉएड अथवा आईओएस दोनों प्रकार के फोन द्वारा प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
दाखिल किये गये शपथ पत्र उपलब्ध
उन्होंने कहा कि इस ऐप में प्रदेश में निर्वाचन लडऩे वाले सभी अभ्यर्थियों की सूची एवं उनके द्वारा दाखिल किये गये शपथ पत्र उपलब्ध हैं। ऐप में यह भी व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक प्रत्याशी के आपराधिक पृष्ठभूमि होने या न होने को स्पष्ट रूप से हॉ या नहीं में अंकित किया गया है।
पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 80 से अधिक उम्र के मतदाताओं, दिव्यांग एवं कोविड सस्पेक्ट एवं क्वारण्टाइन मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की व्यवस्था शुरू की गई है। जिसके तहत प्रथम चरण में 2.1 प्रतिशत 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं द्वारा, 2.3 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं द्वारा पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान करने का विकल्प चुना गया है।