सहकारी आंदोलन पर बोले गृह मंत्री अमित शाह !
जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 27 महीनो में 52 पहल की गई। नयी दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की महापरिषद की 89 वी बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
2024 के लोकसभा चुनाव नज़दीक है ऐसे में सभी दलों ने अपनी अपनी कमर कस ली है साथ ही सभी पार्टियां एक अपना अपना गठबंधन मजबूत करने में लगे हुए है अब ऐसे में हर राज्य को एक अच्छी और बेहतर सरकार चाहिए जो उनके हित के लिए काम करे। गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारी नीति को लागू करने का ऐलान कर दिया है जिसके तहत आर्थिक रूप से लोगो को मदद पहुंचाई जाएगी अमित शाह ने सहकारी नीति पर कहा की आंदोलन को मजबूत करने के लिए जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 27 महीनो में 52 पहल की गई। नयी दिल्ली में की महापरिषद की 89 वी बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी
सहकारिता देश की 60 करोड़ आबादी के आर्थिक विकास का एक साधन है। लेकिन वह सहकारी व्यवस्था पूंजी की कमी से ग्रस्त है। हालाँकि, केंद्र ने सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 पहल की हैं। पूंजी उपलब्ध करायी गयी केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही मंत्री ने कहा कि देश की जीडीपी में सहकारिता आंदोलन की अहम भूमिका हो, इसके लिए केंद्र सरकार हमेशा सक्रिय है।
अमित शाह ने सोमवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही
संगठन विभिन्न सहकारी समितियों और विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए ऋण प्रदान करता है। शाह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में एनसीडीसी के माध्यम से सहकारी समितियों को 41,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं उन्होंने याद दिलाया कि एनसीडीसी का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं बल्कि सहकारी समितियों का समग्र विकास करना है। उन्होंने कहा कि अगले तीन साल के लिए एक लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष का लक्ष्य लिया गया है।
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