1 साल का तालिबान शासन : लड़कियों को मुस्कुराने व जोर से बात करने पर करी जाती है सरेआम पिटाई !

इस तरह की घटनाएं देखने के बाद किशोरी ने मदरसे में पढ़ना भी बंद कर दिया है, उनका कहना है कि इससे बेहतर है कि घर में ही रहें

अफगानिस्तान में तालिबान शासन की वापसी के एक साल बाद राजधानी काबुल के आसपास महिलाओं का जीवन दिन पर दिन नर्क में बदल रहा है। काबुल के एक बाजार में एक लड़की को सिर्फ मुस्कुराने और दोस्त से जोर-जोर से बात करने पर पीटा गया।

पुरुष अभिभावक के साथ रहने के लिए मजबूर

दुनिया में कहीं और की तुलना में महिलाओं को अब अफगानिस्तान में कठोर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं की माध्यमिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्हें छोटी यात्राओं को छोड़कर कहीं भी जाने के लिए एक पुरुष अभिभावक के साथ रहने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है।

पुरुष बाजार में महिलाओं की पिटाई

एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं पर पाबंदियां रुक-रुक कर लागू की जाती हैं। साथ ही उनका सख्ती से पालन किया जा रहा है। एक किशोरी ने बताया कि उसने तीन बार देखा कि तालिबान पुरुष बाजार में महिलाओं की पिटाई कर रहे हैं। कुछ महिलाओं ने जो सलवार पहनी हुई थी वह तालिबान के लोगों को बहुत टाइट लग रही थी। किशोरी को सितंबर में स्कूल छोड़ना पड़ा था और अब वह अवसाद से जूझ रही है।

किशोरी ने मदरसे में पढ़ना भी बंद कर दिया

इस किशोरी ने बताया कि एक बार सिर्फ मुस्कुराने और आपस में जोर-जोर से बात करने पर तालिबानी लोगों ने लड़कियों की पिटाई कर दी थी। किशोरी ने कहा कि जब आप कपड़े खरीद रहे हों तो उसके बारे में बात करना स्वाभाविक है। इस तरह की घटनाएं देखने के बाद किशोरी ने मदरसे में पढ़ना भी बंद कर दिया है। उनका कहना है कि इससे बेहतर है कि घर में ही रहें।

अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर

गौरतलब है कि करीब एक साल पहले अफगानिस्तान पर तालिबान का तेजी से कब्जा था। अमेरिका के साथ और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति वार्ता में तालिबान ने वादा किया कि महिलाओं को शिक्षा और काम का अधिकार होगा। जबकि एक साल बाद अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

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