महिला पहलवानों ने लिया बड़ा फैसला !
महिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानो का धरना प्रदर्शन सफल नहीं रहा जहा एक तरफ सभी दल पहलवानो का समर्थन करने पहुचे थे तो वही दूसरी ओर जब पहलवानो ने ये ठान लिया था

महिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का धरना प्रदर्शन सफल नहीं रहा जहा एक तरफ सभी दल पहलवानों का समर्थन करने पहुचे थे तो वही दूसरी ओर जब पहलवानों ने ये ठान लिया था की उनको अपनी बात पीएम मोदी तक पहुचानी है । तो नए संसद भवन तक जैसे ही पहलवान पहुंचे उनको वहाँ से भगा दिया गया और साथ ही उनके साथ पुलिस प्रशासन ने गलत सुलूक किया । इसी वजह से अब पहलवानों ने ये फैसला लिया है की कि आज अपने मेडल को गंगा में बहा देंगे।
देश के पहलवानों ने त्यागे अपने मेडल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा है कि वह अपने इन मेडलो को गंगा में बहाने जा रहे है। अपनी बात में पहलवानों ने कहा है कि आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री ने एक बार भी पहलवानों की सुध नहीं ली। आपको बता दें की विनेश फोगाट ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है जिसमें इस बात का जिक्र करते हुए उनका कहना है कि हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है।
देश में हमारा कुछ भी नहीं बचा :- विनेश फोगाट
अपनी बात में उन्होने आगे कहा की हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे। इतनी बात लिखते ही उन्होंने कहा की अब हमें ये मेडल नहीं चाहिए हम इन मेडल को बहाने के लिए जा रहे है। पहलवानो ने आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। अपनी बात को सामने रखते हुए उन्होने लिखा की इन मेडल के गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट शहीदों की जगह है। जिन शहीदों ने हमारे देश के लिए अपनी देह का त्याग किया है। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।
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