नए उपराष्ट्रपति की ममता से क्यों नहीं बनती !

देश के 14वें उपराष्ट्रपति के बारे में नहीं जानते होंगे ये खास बातें

देश को नए राष्ट्रपति के बाद अब नया उपराष्ट्रपति भी मिल गया है जी हाँ शनिवार यानि 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति के लिए मतदान हुआ और उसके बाद मतगणना। जैसे सबको उम्मीद थी NDA समर्थित उमीदवार जगदीप धनखड़ को 76 प्रतिशत वोट मिले यानि कुल 725 वोट पड़े जिनमे 528 जगदीप धनखड़ को मिले और वो बन गए देश के 14वे उपराष्ट्रपति। आपको बता दें की वैंकया नायडू जो फ़िलहाल उप राष्ट्रपति है उनका कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है और 10 अगस्त को ही नए उपराष्ट्रपति के तौर पर जगदीप धनखड़ शपत लेंगे।

राजस्थान के एक छोटे गांव में जन्में धनखड़-

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं के एक सुदूर गांव के किसान परिवार में पैदा हुए। धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पूरी की है।

भौतिकी में स्नातक करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विवि से एलएलबी किया। इसके बाद उन्होंने वकालत शुरू की और कुछ समय में ही वो देश के बड़े वकीलों में शुमार हो गए। बार कौंसिल के विभिन्न पदों पर रहने वाले धनखड़ ने 1989 में राजनीति में प्रवेश करने के साथ झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।

1989 राजनीतिक में-

नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो जनता दल के जमाने से राजनीति में हैं. वह साल 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे. वह 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं. 2003 में वह बीजेपी में शामिल हो गए. 30 जुलाई 2019 को उन्होंने बंगाल के 28वें राज्यपाल का पद संभाला था.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही अनबन-

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में जगदीप धनखड़ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हमेशा ठनी रहती है। दोनों जिम्मेदार एक दूसरे पर सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक मंचों से आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ममता बनर्जी के राज्यपाल के कई फैसलों पर सार्वजनिक आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं तो राज्यपाल के रूप में धनखड़ ने ममता बनर्जी के कई फैसलों को पलट दिया। अभी कुछ दिनों पहले बीजेपी के खिलाफ जेहाद वाले बयान को लेकर धनखड़ और ममता बनर्जी में खूब वाद विवाद हो चुका है।

वहीँ बात करें की बीजेपी ने धनखड़ को ही उपराष्ट्रपति पद के लिए क्यों चुना –

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगामी विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार घोषित किया था. भाजपा किसानों को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि उनकी पार्टी किसान समर्थक है. इसके अलावा पार्टी ने जाट फैक्टर के मद्देनजर भी धनखड़ को चुना. कारण, 2023 और 2024 में राजस्थान और हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां जाट मतदाताओं की बड़ी संख्या है. जिसके जरिए बीजेपी का जाट वोटरों को भी साधने का प्रयास है.

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