45 घंटे का मौनव्रत और अन्न का एक दाना भी नहीं आखिर क्यों PM मोदी ने उठाया ये कदम ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान लगाने पहुंचे , उन्होंने भगवति अम्मन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मौन व्रत शुरू कर दिया। प्रशासन की ओर से उनकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री 1 जून की शाम तक साधना करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी यानी सातवें चरण के लिए भी चुनाव प्रचार थम चुका है। देश भर में पिछले 75 दिनों के दौरान 206 चुनावी रैलियां, रोड शो और 80 से ज्यादा इंटरव्यूज देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान लगाने पहुंचे , उन्होंने भगवति अम्मन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मौन व्रत शुरू कर दिया। प्रशासन की ओर से उनकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री 1 जून की शाम तक साधना करेंगे।
साधने के पीछे के कारण क्या है ?
अगर बात करे इस साधने के पीछे के कारण की तो लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही खास स्थान रखता है। स्वामी विवेकानंद देश भर में घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक ध्यान किया और ‘विकसित भारत’ का सपना देखा था,आपको बतादे यह वही स्थान है, जहां धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी चुनाव समापन के बाद किसी खास स्थान पर ध्यान लगाने जा रहे हों. इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड के केदारधाम के दौरे पर गए थे, यहां उन्होंने पास स्थित रूद्र गुफा में ध्यान किया था।
बीजेपी को सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल से उम्मीद
वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी हथकंडा बताया है और चुनाव आयोग से इसकी मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग भी की थी। आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार और पंजाब की सभी 13 सीटों पर मतदान होना है। अब केवल 57 सीटें ही वोटिंग के लिए बची हैं। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। वह पहले वाराणसी पहुंचे थे। इके बाद पत्नी के साथ उन्होंने तमिलनाडु के तिरुमायम स्थित कोट्टई भैरवर मंदिर में पूजा अर्चना की। अन्नामलाई ने बताया कि बताया केंद्रीय मंत्री ने संकल्प लिया था कि चुनाव समाप्त होने से पहले वह मंदिर जाएंगे और भैरवर का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
बता दें कि आखिरी चरण का चुनाव इसलिए भी खास माना जात रहा है क्योंकि पंजाब और पश्चिम बंगाल में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। इस चरण में पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर मुकाबला है। इस बार बीजेपी को सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल से उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुके हैं कि इस बार बीजेपी को सर्वाधिक फायदा पश्चिम बंगाल में होने वाला है।
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