WHO ने लिया मंकीपॉक्स वायरस पर अहम फैसला !
एक आपातकालीन समिति का गठन करते हुए विचार किया है कि क्या मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल माना जाना चाहिए
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह निर्धारित करने के लिए एक आपातकालीन समिति का गठन किया है कि क्या मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल माना जाना चाहिए। वह इसका नाम बदलने पर विचार कर रहा है। आगे बताते हुए कहा कि विकासवादियों द्वारा “गैर-भेदभाव और गैर-कलंक” नाम के आह्वान के बीच आता है।
जल्द से जल्द नए नामों की घोषणा करेंगे
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस अदनोम घेब्राइस ने कहा कि वह इस मामले पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के भागीदारों और विशेषज्ञों के साथ मंकीपॉक्स वायरस, इसके समूहों और इससे होने वाली बीमारी का नाम बदलने पर भी काम कर रहा है। हम जल्द से जल्द नए नामों की घोषणा करेंगे।”
"WHO is also working with partners and experts from around the world on changing the name of #monkeypox virus, its clades and the disease it causes. We will make announcements about the new names as soon as possible"-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) June 14, 2022
तस्वीरों के निरंतर उपयोग की ओर इशारा किया
जानकारी के लिए बता दें एक नए नाम का आविष्कार करने का निर्णय अफ्रीका और दुनिया भर के 30 वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा नाम बदलने की मांग के कुछ दिनों बाद आया है। एक पत्र में, समूह ने चेचक के प्रभावों को स्पष्ट करने के लिए मुख्यधारा के मीडिया में अफ्रीकी रोगियों की तस्वीरों के निरंतर उपयोग की ओर इशारा किया है।
डब्ल्यूएचओ वायरस को दो अलग-अलग प्रजातियों के तहत सूचीबद्ध करता है। पहला मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) क्लैड तथा दूसरा पश्चिम अफ्रीकी क्लैड।