कराहती व्यवस्था : जब ठेले पर बच्चे का शव ले जाने को मजबूर हुआ परिवार !

बड़ा सवाल ये उठता है जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य विभाग की सेवा में लगे एंबुलेंस उस गरीब तक क्यों नहीं पहुंच सकी

एक तरफ जहां प्रदेश की योगी सरकार ( Government ) गरीबों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निशुल्क सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश कर रही है। तो वही जनपद जौनपुर में इसका ठीक उलटा असर दिखाई पड़ रहा है। ताजा मामला अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय का है। जहां एक दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला हैं।

यहां एक मजबूर मां अपनी मासूम गुड़िया जैसी बच्ची को गंभीर अवस्था में आनन फानन में ठेले पर लादकर जिला अस्पताल पहुंची थी। लेकिन चिकित्सक द्वारा इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गयी। करुणा विलाप करती हुई मृत बच्ची के माता पिता उसी ठेले पर पुनः शव लादकर अपने घर को निकल गए। बड़ा सवाल ये उठता है जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य विभाग की सेवा में लगे एंबुलेंस उस गरीब तक क्यों नहीं पहुंच सकी। उसे जिला अस्पताल से एंबुलेंस द्वारा घर क्यों नहीं भेजा गया।

बाइट : सुरेश कुमार पटेल, मृतक बच्ची का पिता

वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 8 माह की बच्ची को सांस लेने में तकलीफ थी। जिसे लेकर अस्पताल में उसकी मां पहुंची थी। डॉक्टर इलाज करते कि इसके पहले उसकी मौत हो गई है। इस मामले में टीम गठित करके जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मौत के बाद बच्ची को एंबुलेंस न मिलने पर उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच कराई जाएगी। एंबुलेंस होने के बाद किन परिस्थितियों में नहीं मिला जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर को यह बताना चाहिए था कि बच्ची की मृत्यु के बाद उन्हें सर्टिफिकेट लेकर ही जाना चाहिए था जिन्हें इस में लापरवाही की है।

बाइट : डॉ लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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