जब लालू यादव पर चढ़ी थी सत्ता की हनक !
हल्ला-गुल्ला बिहार भवन के ग्राउंड फ्लोर के वी.वी.आई.पी गलियारे में किसी भीषण विस्फोट की तरह गूंज रहा था। मां-बहन की गालियां गोलियों के माफिक छूट रही थीं।
साल 1992 के दिसंबर माह की बात है। बिहार में लालू यादव की सरकार थी। लालू यादव दिल्ली स्थित बिहार भवन में आए हुए थे। वहीं उनसे मिलने कुछ नेता पहुंचे और थोड़ी ही देर बाद बिहार भवन में गाली-गलौज भरी घटना घटी। हल्ला-गुल्ला बिहार भवन के ग्राउंड फ्लोर के वी.वी.आई.पी गलियारे में किसी भीषण विस्फोट की तरह गूंज रहा था। मां-बहन की गालियां गोलियों के माफिक छूट रही थीं।
बिहार भवन में गाली-गलौज भरी घटना घटी
संकर्षण ठाकुर अपनी किताब ‘द बिहारी ब्रदर्स’ में लिखते हैं कि जेडीयू के मौजूदा अध्यक्ष लल्लन सिंह को अपनी जुबान पर काबू नहीं रहता। उस दिन भी बिहार भवन में लल्लन सिंह ने जोश में आकर लालू को ज्यादा ही सुना दिया था। दरअसल नीतीश कुमार अपने साथियों के साथ नालंदा जिले के किसानों द्वारा बिजली और पानी के लिए किए जा रहे प्रदर्शन के संबंध में बातचीत करने लालू से मिलने पहुंचे थे। तब नीतीश कुमार मंत्री पद पर नहीं थे क्योंकि केंद्र में वी.पी. सिंह की सरकार गिर गयी थी।
लल्लन सिंह ने लालू के खिलाफ अपनी हनक दिखाते हुए कहा
वह बिहार के नेताओं के एक गुट के साथ लालू यादव से भेंट करने पहुंचे। इस गुट में नीतीश कुमार के अलावा शिवानंद तिवारी, बिशन पटेल, लल्लन सिंह थे। लल्लन सिंह ने लालू यादव के खिलाफ अपनी हनक दिखाते हुए कहा कि आपकी सत्ता हमारे ही बदौलत है। इतना सुनते ही लालू यादव की चीख चिल्लाहट आपे से बाहर हो गई। उनका सारा गुस्सा लल्लन सिंह पर फूट रहा था, जिसे उन्होंने बड़े आक्रोश के साथ इशारा करते हुए कहा, निकल बाहर, बाहर निकल, साला। लालू यादव को अपने सभी सुरक्षाकर्मियों को आवाज लगाते सुनाया गया, पकड़ के फेंक दो बाहर, ले जाओ घसीट के। इसी मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि बिहार में अब लालू यादव के साथ उनका चलना मुश्किल है।
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