CM योगी और मोहन भागवत की नहीं हुई मुलाक़ात तो अखिलेश यादव ने ली चुटकी !
सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच न तो बात हो सकी और न ही मुलाकात। खबरे ये भी सामने आई है की इस बीच योगी आदित्यनाथ ने चुनावी नतीजों को लेकर गोरखपुर में अपने कार्यकर्तों के साथ चर्चा भी की लेकिन मुलाक़ात नहीं की।
लोक सभा चुनाव 2024 भले ही ख़त्म होगया हो और बीजेपी की तीसरी बार सरकार भी बन गई हो लेकिन सीटों की कमी के ताने अभी भी बीजेपी का पीछा नहीं छोड़ रहे है जहा एक तरफ बीजेपी की तरफ से ये दावा किया गया था की उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पूरी 80 में 80 सीटें हासिल होंगी लेकिन चुनाव परिणामो ने सामने आते ही बीजेपी के किये दावों को झूठा साबित कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी की हार पर मंथन जारी
कही न कही सबसे बड़े राज्य में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा है और ऐसा झटका लगा है जिससे न तो पार्टी और न ही पार्टी के कार्यकर्ता उभर पाए है अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की हार पर मंथन जारी है जिसमे हार की वजह जानने की कोशिश की जा रही है लेकिन इसी बीच अब ये भी देखने को मिल रहा है की आरएसएस की तरफ से जो भी बयान सामने आए है उससे सियासी हलचल तेज हो गई है जिसकी शुरुवात मोहन भागवत से हुई थी और फिर इंद्रेश कुमार ने भी बिना नाम लिए इशारो में प्रधानमंत्री मोदी को अहंकारी का दर्ज़ा दे डाला।
न तो बात हो सकी और न ही मुलाकात
जहाँ एक तरफ सियासी पारा हाई है वही भाजपा और संघ के रिश्तों को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 12 जून को गोरखपुर पहुंचे थे और 15 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर पहुंचे थे और ये दोनों एक दूसरे से महज 12 किलोमीटर की दुरी पर थे। इस जानकारी के सामने आते ही अटकलें लगनी शुरू होगई की योगी के गढ़ गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत की मुलाकात होगी लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच न तो बात हो सकी और न ही मुलाकात। खबरे ये भी सामने आई है की इस बीच योगी आदित्यनाथ ने चुनावी नतीजों को लेकर गोरखपुर में अपने कार्यकर्तों के साथ चर्चा भी की लेकिन मुलाक़ात नहीं की।
मुलाकात ना होने की वजह आई सामने
अब अगर बात करे इसके पीछे के कारण की तो सूत्रों के हवाले ये जनकारी सामने आई है की अगर योगी और मोहन भागवत की मुलाक़ात इस बीच हो जाती तो यह चर्चा आम हो जाती कि पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार एक तरफ अहंकार की बातें कर रहे हैं तो दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ से संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाक़ात हो रही है ,इन्हीं सवालों के बीच संघ प्रमुख और योगी आदित्यनाथ की मुलाकात सिर्फ 12 किमी दूरी के बाद भी नहीं हो सकी।
इसके अलावा सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी ने दो बार मिलने का समय मांगा था लेकिन RSS चीफ ने मिलने का समय नहीं दिया। सूत्रों का दावा है कि सीएम योगी ने शनिवार को दोपहर 2 बजे और फिर 6 बजे समय मांगा था। इसको लेकर अलर्ट भी जारी हुआ, लेकिन आखिर में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात नहीं हो पाई। वहीं इसके पीछे लोकसभा चुनाव के नतीजे भी माने जा रहे हैं और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,मोहन भागवत से बिना मुलाक़ात किये ही गोरखपुर से रवाना हो गए।
बिना नाम लिए अखिलेश यादव ने ली चुटकी
ये मुद्दा इस वक़्त सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सुर्ख़ियों में छाया हुआ है और विपक्ष की ओर से भी इस मामले में रिएक्शन देखने को मिल रहा है जहा समाजवादी पार्टी के राष्ट्र अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिना किसी का नाम लिए इशारो में इस अटकलों भरी मुलाक़ात की चुटकी लेली ओर शायराना अंदाज़ में एक ट्वीट कर डाला जिसमे उन्होंने लिखा …………
बहुत गहरा है कोई शिकवा औ’ गिला
वो जो इतने करीब आकर भी न मिला
इसी बीच अम्बेडकरनगर से सपा सांसद लालजी वर्मा ने इस पोस्ट को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत से जोड़ दिया। लालजी वर्मा ने अपनी पोस्ट में एक आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा, कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना ,इस आर्टिकल में लिखा था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत 5 दिन तक यूपी के गोरखपुर में रहे, वहीं सीएम योगी भी अपने गढ़ में दो दिन तक रुके, लेकिन दोनों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कही न कही सस्पैंस बरकरार
अब सपा सांसद लालजी वर्मा के ट्वीट से तो यही अंदाज़ा लगता है कि अखिलेश यादव ने भले ही अपनी पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने मोहन भागवत और सीएम योगी की मुलाकात को लेकर ही तंज कसा है ,लेकिन अभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कही न कही सस्पैंस बरकरार है की आखिर ये मुलाक़ात क्यों नहीं हुई ?
हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईट के लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं। आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।