समलैंगिक विवाह के खिलाफ ये क्या बोल गए बीजेपी सांसद सुशील मोदी, जाने पूरी खबर !

सोमवार को, चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, सुशील मोदी ने देश के सर्वोच्च विधायी निकाय में समलैंगिक विवाह के खिलाफ बात की है।

सोमवार को, चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, सुशील मोदी ने देश के सर्वोच्च विधायी निकाय में समलैंगिक विवाह के खिलाफ बात की है। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुशील मोदी ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह पर अपना रुख दोहराते हुए कहा कि भारतीय समाज समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने के लिए “तैयार नहीं” है और यह भारत की संस्कृति और परंपराओं के लिए अनुपयुक्त है। साथ ही उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में इसका विरोध किया है।

समान-लिंग विवाह भारत की संस्कृति और परंपराओं के लिए उचित नहीं

भाजपा सांसद के अनुसार इस मामले को अदालत में पहुंचने से पहले सदस्यों के बीच संसद में चर्चा की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी लड़कियों की शादी की उम्र एक समान होनी चाहिए, चाहे उनका कोई भी धर्म हो।” सुशील मोदी ने आज संसद के बाहर कहा कि “समान-लिंग विवाह भारत की संस्कृति और परंपराओं के लिए उचित नहीं होगा। लेकिन कुछ वामपंथी और उदारवादी कार्यकर्ता सर्वोच्च न्यायालय (SC) गए हैं और समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए कहा है। यह उचित नहीं होगा यदि दो न्यायाधीश बैठते हैं

नाजुक संतुलन के साथ तबाही

सुशील मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा, ‘भारत में समलैंगिक विवाह को न तो किसी पर्सनल लॉ जैसे मुस्लिम पर्सनल लॉ या किसी संहिताबद्ध वैधानिक कानून में मान्यता दी जाती है और न ही स्वीकार किया जाता है। हां, समान-लिंग विवाह देश में व्यक्तिगत कानूनों के नाजुक संतुलन के साथ तबाही मचाएगा

 

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