अलाया अपार्टमेंट, के क्षतिग्रस्त होने के बाद फरार बिल्डर फहद याजदानी का वीडियो आया सामने !

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट मामले में फरार चल रहे बिल्डर फहद याजदानी का वीडियो में इकबालिया बयान सामने आया है।

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट मामले में फरार चल रहे बिल्डर फहद याजदानी का वीडियो में इकबालिया बयान सामने आया है। वीडियो में फहद याजदनी ने कहा इस घटना में मुझे बदनाम करने और माननीय मुख्यमंत्री को भ्रमित करने की साजिश रची जा रही है। इस घटना के 2 दिन बाद सबकी बातें सुनने के बाद में अपना बयान आप लोगों के सामने जाहिर कर रहा हूं। इस बिल्डिंग से यजदान बिल्डर का कोई लेना देना या वास्ता सरोकार कभी नहीं रहा।

शाहिद मंजूर की हुई थी तीखी नोकझोंक और बहस

उस बिल्डिंग के किसी भी चीज से शाहिद मंजूर के बेटे और भतीजे का भी कोई लेना देना नहीं है उन्होंने फ्लैट बेचे हैं रजिस्ट्री की है। इस हादसे के वह दोनों लोग जिम्मेदार नहीं हैं। पार्किंग में कैमरे लगे थे मेरी सभी अफसरों से गुजारिश है कि वह मलबे से कैमरे निकाल कर देखें कि उस बिल्डिंग में ड्रिलिंग का जो काम हो रहा था वह काम खुद शाहिद मंजूर खड़े होकर करवा रहे थे। जिसको लेकर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों से शाहिद मंजूर की तीखी नोकझोंक और बहस भी हुई थी। लोगों ने रोका लेकिन पता नहीं क्यों शाहिद मंजूर खुदाई काम को नहीं रोका गया।

मेरा इस बिल्डिंग से कभी कोई लेना-देना नहीं

अपने आप को बचाने के लिए इसकी सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर डाली जा रही, जबकि मेरा इस बिल्डिंग से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा। मैंने सिर्फ शाहिद मंजूर से ताल्लुक के चलते जब यह बिल्डिंग 2009 और 2010 में बन रही थी तो मैंने इनके कहने पर 3 फ्लैट उस बिल्डिंग के बिकवाए थे। जिसका कमीशन मुझे मिला था बाकी मेरा कोई मतलब नहीं था। जो कह रहे हैं कि बिल्डर एग्रीमेंट मेरे नाम था तो बिल्डर एग्रीमेंट अगर मेरे नाम पर था तो वह मांगा जाए कि कौन सा बिल्डर एग्रीमेंट था।

इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए: फहद याजदानी

किसी तरह का एग्रीमेंट फहद यजदानी के नाम होगा तो मैं खुद ब खुद जेल जाने को तैयार हूं। यह बिल्डिंग 2010 और 2011 में बनी थी जबकि यजदान बिल्डर की फर्म 2012-13 में बनी है। हमारा इंवॉल्वमेंट कैसे हो जाएगा। सब लोग फहद यजदानी के पीछे पड़ गए जबकि वह भी फहद यजदानी का कोई लेना देना नहीं है। फहद यजदानी की बिल्डिंग प्राग नारायण रोड पर थी जिसे एलडीए ने तोड़ दिया हमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं हुआ। मेरी सभी से गुजारिश है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। हफ्ते 10 दिन में कोर्ट से राहत मिलती है तो ठीक है वरना मैं खुद सरेंडर कर दूंगा।

 

 

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