दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में अब AI की मदद से इलाज होगा !

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता है जो अब मानव श्रम को धीरे-धीरे कम करती जा रही है। देश के अलग अलग क्षेत्रों  में आर्टिफिशियल को बड़ावा दिया जा रहा है ।

बदलाव दुनिया का नियम है और इन्ही बदलाव के चलते आज चीजे इतनी विकसित हो गई है की अब आम जनता के रोज़गार पर वह असर डाल रही है। इन्ही टेक्नोलॉजी की वजह से काम इतने फास्ट हो चुके है की घंटो का काम मशीनें मिनटों में कर देती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता है जो अब मानव श्रम को धीरे-धीरे कम करती जा रही है। देश के अलग अलग क्षेत्रों  में आर्टिफिशियल को बड़ावा दिया जा रहा है ।

दिल्ली AIIMS में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी, कैंपस में डॉक्टरों को दिलाई  जाएगी ट्रेनिंग - Robotic surgery will start in Delhi AIIMS doctors will be  trained on campus lcla - AajTak

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस करेगी अब दिल्ली AIIMS के मरीजों का इलाज

हर  सेक्टर में AI की बहुत मांग है वही अब मेडिकल क्षेत्रों में भी चिकित्साओ द्वारा मरीजों के इलाज में इसकी मदद ली जा रही है। शुरुवाती नतीजे भी काफी उत्साहजनक रहे है। बेस्ट मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में सबसे ऊपर नाम दिल्ली एम्स  के न्यूरोलॉजी विभाग में 50 लकवा ग्रहस्त मरीजों के इलाज के लिए AI का ट्रायल किया गया जिसकी मदद से 1 महीने में उन मरीजों को रोग से बहुत हद तक निजात दिलाने में सफलता पाई गई तो वही दूसरी तरफ सामान्य चिकित्सा विधि से लकवा ग्रस्त मरीजों को ठीक होने में करीबन 8 महीने का वक्त लग जाता है।

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50 लकवा ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए AI का ट्रायल

अब दिल्ली एम्स द्वारा अलग अलग विभागो में इसके विस्तार करने पर काम किया जा रहा है जिसकी मदद से विभिन्न रोगों से ग्रस्त मरीजों को कम समय में ठीक किया जा सके। दिल्ली एम्स के अलावा अब अलग अलग विभागो में भी AI की मदद ली जाएगी ना सिर्फ AI टेक्नोलॉजी न्यूरो केस में ही मदद करेगी बल्कि दिल्ली एम्स द्वारा ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की पहचान के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस मशीन काफी मददगार साबित हो रही है।

 

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