Lucknow: KGMU में दवा कालाबाजारी करने वालों को पकडऩे में फंसा पेंच, बढ़ी घपले की आशंका !
लखनऊ (Lucknow) के केजीएमयू परिसर (KGMU Campus) में मरीजों को सस्ते दरों पर दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए बने एचआरएफ स्टोर (HRF Store) से घपले के बाद हड़कम्प मचा हुआ है।
लखनऊ (Lucknow) के केजीएमयू परिसर (KGMU Campus) में मरीजों को सस्ते दरों पर दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए बने एचआरएफ स्टोर (HRF Store) से घपले के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। एचआरएफ में घपले और कालाबाजारी करने वाले कर्मचारियों को पकडऩे में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। केजीएमयू प्रशासन ने पर्चे का ऑडिट कराने का फैसला किया है। इसी बीच जांच में तकनीकी पेंच फंस गया है।
मरीजों को पर्ची पर दवा लिखने से बढ़ी घपले की आशंका
माना जा रहा है कि ज्यादातर डॉक्टर व रेजिडेंट भर्ती मरीजों को पर्ची पर दवा लिखते हैं। मरीज मेडिकल स्टोर में पर्ची दिखाकर दवा ला रहे हैं। डॉक्टरों की इस आदत से एचआरएफ के स्टोर में घपले की आशंका बढ़ गई है। परिसर में एचआरएफ के 15 काउंटर हैं। इसमें 80 फीसदी काउंटर विभागों में खुले हैं।
- इसमें ज्यादातर दवाएं भर्ती मरीजों को मुहैया कराई जाती है।
- ट्रॉमा सेंटर लारी गांधी वार्ड, शताब्दी समेत अन्य कांउटर का संचालन 24 घंटे होता है।
- कुछ ही काउंटर ओपीडी मरीजों के लिए हैं।
मुख्य सूचना
- ट्रॉमा से लेकर गांधी वार्ड तक के डॉक्टर मरीजों को पर्ची पर दवा लिख रहे हैं।
- पर्ची दिखाकर एचआरएफ काउंटर पर तीमारदार दवा लाते हैं।
- सबसे ज्यादा ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को पर्ची के सहारे दवा लिखी जा रही है।
- हालांकि 60 से 70 फीसदी दवा मरीज को बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
महत्वपूर्ण जानकारियां
- पर्ची पर दवा की बिक्री होने से एचआरएफ में घपले की थाह ले पाना कठिन हो गया है।
- साथ ही कालाबाजारी करने वाले कर्मचारियों को पकडऩे में भी अड़चन आ सकती है।
- कर्मचारियों का कहना है कि इमरजेंसी में मरीजों को पर्ची पर लिखी दवा देनी पड़ती है।
- गरीब मरीजों को यूएचआईडी नम्बर की जानकारी नहीं होती है।
- पर्चे डॉक्टर के पास फाइल में लगे होते है, जो तीमारदार को मिल पाना कठिन होता है।
- ऐसे में बिना यूएचआईडी के बिना दवा देना हमारी मजबूरी भी हो जाती है।
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