विश्व की पांच करोड़ आबादी आज भी है दासता की शिकार, United Nation की रिपोर्ट में खुलासा !

यूनाइटेड नेशन ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया कि विश्व की कुल 5 करोड़ आबादी दासता या गुलामी से ग्रसित है

यूनाइटेड नेशन ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया कि विश्व की कुल 5 करोड़ आबादी दासता या गुलामी से ग्रसित है। UN और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया कि आधुनिक गुलामी या दासता आज भी इस समाज के लिए एक चिंता का विषय है। एक व्यक्ति या वर्ग विशेष द्वारा दूसरों पर जबरन अधिकार जताना आधुनिक दासता है।

क्या है आधुनिक दासता ?

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ग्रुप वॉक फ्री और इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के साझा प्रयास से जारी की गयी। द ग्लोबल एस्टिमेट्स ऑफ़ मॉडर्न स्लेवरी पर रिपोर्ट में आधुनिक दासता के आकड़ों को दर्शया गया। रिपोर्ट के अनुसार कोविड -19 महामारी, गरीबी, देशो के बीच बढ़ता सशस्त्र संघर्ष, जलवायु परिवर्तन आदि आधुनिक दासता या गुलामी बढ़ने के महत्वपूर्ण कार्ड हैं।

आधुनिक दासता किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति का शोषण, हिंसा, धमकी, शक्ति, आदि के बल पर जबरन कार्य के लिए मजबूर करना है। अपनी इच्छा के विरुद्ध जबरन श्रम या विवाह बंधन और मानव तस्करी आदि द्वारा किसी का शोषण होना भी आधुनिक दासता कहलाता है।

जबरन शोषण के लगभग इतने करोड़ मामले

शोषित हो रही 5 करोड़ जनता में लगभग 2.8 करोड़ तो सिर्फ जबरन श्रम का शिकार हैं। इनमे से भी 1.7 करोड़ का शोषण निजी सेक्टर ( प्राइवेट सेक्टर ) में हो रहा है। वर्ष 2016 से 2021 के मध्य में जबरन श्रम के आकड़ों में 27 लाख की वृद्धि वहीं 66 लाख की वृद्धि जबरन विवाह के मामलों में आयी है।

विवाह के मामलों में से दो तिहाई तो सिर्फ एशिया महाद्वीप से हैं। आधुनिक दासता के ये आंकड़े वर्ष 2021 के हैं। विश्वव में शोषण झेल रहे वर्ग के लिए पहले भी कई कदम उठाये जा चुके हैं। जिनमे वर्साय की संधि और नोबेल शांति पुरस्कार मुख्या है।

 

 

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