पूर्व प्रधानमंत्री हत्याकांड मामले में दोषी एजी पेरारिवलन की रिहाई, कोर्ट ने कही ये बात ….
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए.जी. पेरारिवलन को 31 साल बाद रिहा करने का आदेश बाद बाकि आरोपियों में भी रिहाई कि उम्मीद जागी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिहा करने का आदेश दिया। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी एजी पेरारिवलन पिछले 31 साल से सलाखों के पीछे थे। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने पेरारिवलन को राहत देने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल किया। पीठ ने कहा कि, “राज्य मंत्रिमंडल ने प्रासंगिक विचारों के आधार पर अपना निर्णय लिया था। अनुच्छेद 142 के तहत दोषी को रिहा करना उचित है।”
ये हैं मामला :
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मास्टरमाइंड लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के शिवरासन के लिए दो 9-वोल्ट बैटरी खरीदने का आरोप लगाते हुए, 19 वर्षीय एजी पेरारिवलन को साल 1998 में टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
उसके बाद शीर्ष अदालत ने मई 1999 के अपने आदेश में चार दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था। लेकिन 18 फरवरी, 2014 को शीर्ष अदालत ने केंद्र द्वारा उनकी दया याचिका पर फैसला करने में 11 साल की देरी के आधार पर पेरारिवलन की मौत की सजा को दो अन्य कैदियों – संथन और मुरुगन के साथ उम्रकैद में बदल दिया।
2016 और 2018 में जे. जयललिता और ए. के. पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।