‘Lucknow’: लेखपाल भर्ती धांधली व पुर्नपरीक्षा का मुद्दा ट्विटर पर कर रहा ट्रेंड !

'उत्तर प्रदेश' (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में  Special Task Force (STF) जांच रिपोर्ट में पाये गये 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने, लेखपाल भर्ती धांधली व पुर्नपरीक्षा का मुद्दा ट्विटर (Twitter) पर छाया रहा।

‘उत्तर प्रदेश’ (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में  Special Task Force (STF) जांच रिपोर्ट में पाये गये 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने, लेखपाल भर्ती धांधली व पुर्नपरीक्षा का मुद्दा ट्विटर (Twitter) पर छाया रहा। शिक्षकों, अभ्यर्थियों और युवा मंच की ओर से ट्विटर मुहिम के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से 15 हजार साल्वरों को गिरफ्तार करने, धांधली में संलिप्त अभियुक्तों व शिक्षा माफियाओं को कठोर सजा दिलाने और लेखपाल भर्ती परीक्षा रद्द कर पुर्नपरीक्षा कराने के मांंग की गई।

‘मुख्यमंत्री से संज्ञान’ में हस्तक्षेप करने की अपील

अभ्यर्थियों का दावा है कि, इस सिलसिले में शनिवार और रविवार को तकरीबन 50 हजार से ज्यादा ट्वीट व रिट्वीट किये गए हैं। STF जांच में 15 हजार संदिग्धों के शामिल होने के मामले के प्रकाश में आने के तत्काल बाद युवा मंच ने मुख्यमंत्री से इसे संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप करने की अपील की थी, लेकिन इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा आम छात्रों के हित में निर्णय लेने के बजाय वहीं पुरानी राजनीतिक बयानबाजी कर प्रदेश में चयन प्रक्रिया के पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होने का दावा किया जाता रहा।

मुख्य सूचना

  • मेधावी छात्र अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
  • STF रिपोर्ट में 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों के राजस्व लेखपाल परीक्षा में शामिल होने की जांच रिपोर्ट के सामने आने से प्रदेश में इस परीक्षा की शुचिता पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग चुका है।
  • 68500, 69000 शिक्षक भर्ती, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, यूपीएसआई, पुलिस, वीडीओ, टीईटी, पीईटी, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि तमाम भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
  •  STF रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा हतप्रभ हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियां

  • बागीश धर राय का बयान आया सामने।
  • एक तरफ रोजगार का संकट वहीं दूसरी ओर जो भर्तियां हैं।
  • उसमें रिकॉर्ड धांधली से युवाओं में घोर निराशा है।
  • इतने बड़े पैमाने पर संदिग्धों को चयनित होने के बाद बाहर करने से मामला पेंचीदा हो जायेगा।
  • इस पूरे मामले के न्यायिक प्रक्रिया के पचड़े में उलझने की प्रबल संभावना होगी।
  • पुर्नपरीक्षा कराकर STF जांच के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कठोर सजा दिलाई जाये।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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