FRAUD: दरोगा ने सिंचाई विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ऐंठे लाखों रुपए, जाने कब और कहां है पूरा मामला….

लखनऊ कैसरबाग कोतवाली में कानपुर कमिश्नरेट में तैनात दरोगा के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ है। कानपुर कमिश्नरेट में तैनात दरोगा ने सिंचाई विभाग में नियुक्ति कराने का दावा कर सात लोगों से 21 लाख रुपये लिए।

लखनऊ कैसरबाग कोतवाली में कानपुर कमिश्नरेट में तैनात दरोगा के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ है। कानपुर कमिश्नरेट में तैनात दरोगा ने सिंचाई विभाग में नियुक्ति कराने का दावा कर सात लोगों से 21 लाख रुपये लिए। लखनऊ बुला कर सिंचाई विभाग में परीक्षा भी आयोजित कराई गई। युवकों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए, लेकिन किसी को नियुक्ति नहीं मिली। पीडि़तों के पड़ताल करने पर धोखाधड़ी किए जाने का पता चला। जिसकी एफआईआर कैसरबाग कोतवाली में दर्ज कराई गई है।

नौकरी दिलाने के बदले में गांव के लोगों से ली मोटी रकम

गाजीपुर भांवरकोल निवासी कृष्णानन्द सिंह के अनुसार करीमुद्दीनपुर निवासी अम्बिका यादव यूपी पुलिस में दरोगा हैं। वर्ष 2013 में सरकार का गठन होने के बाद अम्बिका यादव से मुलाकात हुई। बातचीत में दरोगा ने बताया कि सिंचाई विभाग में बड़े पैमाने पर नौकरियां निकल रही हैं। शासन में अच्छी पकड़ है। इसलिए चाहता हूं कि गांव के कई लोगों को भर्ती करा दूं। पर, इसके लिए रुपये खर्च करने पड़ेगे। दरोगा के प्रभाव में कृष्णानन्द सिंह के साथ बलिया निवासी मनोज सिंह, गाजीपुर निवासी विनय, दिनेश, हरेंद्र सिंह, शिवजी व एक अन्य परिचित फंस गया। सभी की नियुक्ति कराने के बदले अम्बिका ने तीन लाख रुपये लिए थे। बताया था कि क्लर्क के पद पर नौकरी मिलेगी।

सभी को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तक दे डाला था

कृष्णानन्द और उसके साथियों से 21 लाख रुपये वसूलने के बाद अम्बिका काफी दिन तक गायब रहा। दोबारा से मुलाकात होने पर बोला कि मेरा तबादला कानपुर हो गया है। इसलिए दिक्कत आ रही है। लेकिन मैं तुम लोगों का काम करवा दूंगा। कृष्णानन्द के मुताबिक जुलाई 2013 में सभी को सिंचाई विभाग के दफ्तर बुलाया गया था। जहां लिखित परीक्षा कराई गई। इसके बाद अम्बिका ने फोन कर बताया कि सभी का चयन हो गया है। आरोपी ने कृष्णानन्द व अन्य को ज्वाइनिंग लेटर देते हुए कहा कि कुछ दिन में ट्रेनिंग की तारीख पता चल जाएगी।

जांच लगातार जारी है

पीडि़तों के मुताबिक अम्बिका यादव लगातार टाल मटोल करता रहा। दबाव बनाने पर आरोपी ने चेक दिए थे जो बाउंस हो गए। अम्बिका के कानपुर में तैनात होने की बात पता थी। ऐसे में कृष्णानन्द और उनके साथी कानपुर पहुंचे। शिकायत करने पर जांच शुरू की गई। घटनास्थल कैसरबाग में होने पर पीडि़तों को लखनऊ भेजा गया। इंस्पेक्टर अजय नारायन सिंह ने बताया कि दरोगा पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है।

 

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