यूपी का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन, जहाँ टिकट कंडक्टर से लेकर सुरक्षा की कमान महिला जवान के हाथों में !
खबर कानपुर के गोविंद नगर में बने गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से है। जहा देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्ण रूप से महिलाओं

खबर कानपुर के गोविंद नगर में बने गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से है। जहा देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्ण रूप से महिलाओं को एक पूरा रेलवे स्टेशन समर्पित किया था इस रेलवे स्टेशन को संचालित करने का पूरा जिम्मा महिला कर्मचारियों पर ही रहता है स्टेशन में टिकट कंडक्टर से लेकर सुरक्षा की कमान महिला जवान के हाथों में साथ ही ट्रेन को रुकवाने और हरी झंडी दिखाने का कार्य आधी आबादी करती है।
पीयूष गोयल की तरफ से एक बड़ा तोहफा
24 घंटे चलने वाली ट्रेनों में कोर्ट रुकावट ना आए इसके लिए महिला कर्मियों की 3 सीटों में ड्यूटी लगाई गई यहां पर तीन टिकट काउंटर के साथ आरपीएफ और जीआरपी की महिला जवान 24 घंटे यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहती हैं। महिला दिवस के अवसर पर कानपुर को रेल मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से एक बड़ा तोहफा दिया गया था इलाहाबाद मंडल के दो रेलवे स्टेशनों की जिम्मेदारी महिलाओं के हवाले की गई थी इनमें से एक गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन है
यहां पर टिकट कंडक्टर से लेकर सुरक्षा सहित ट्रेनों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिला कर्मियों के हवाले होती है। 24 घंटे चलने वाली ट्रेनों में कोर्ट रुकावट ना आए इसके लिए महिला कर्मियों की 3 शिप्टों में ड्यूटी लगाई गई है यहां पर यहां पर तीन टिकट काउंटर के साथ आरपीएफ और जीआरपी की महिला जवान 24 घंटे यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहती हैं।
गोविंदपुरी स्टेशन का इतिहास
गोविंद बल्लभ पंत ने रखी थी नीव गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को 1970 तक स्टेशन को जूही के नाम से जाना जाता था दक्षिण कानपुर में शहरी जमाव बढ़ने और गोविंद नगर के नजदीक होने के कारण इस स्टेशन को गोविंदपुरी का नाम दिया गया इसका उद्घाटन गोविंद बल्लभ पंत ने किया था
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