‘अभी नहीं हटेगा रेलवे की जमीन से कब्जा’, SC ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक !
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जा जारी रहेगा। आज गुरुवार को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में मामले की....

उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जा जारी रहेगा। आज गुरुवार को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखा जाना चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा कि इस मामले के समाधान की जरूरत है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश पर भी रोक लगा दी है, यानी अब हल्द्वानी में अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और लोग वहीं रहेंगे।
मामला हल्द्वानी में रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर 4365 परिवारों के कब्जे और अवैध निर्माण से जुड़ा है. आज सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस समर्थक प्रशांत भूषण ने दलीलें पेश कीं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अतिक्रमण नहीं हटाने का फैसला सुनाया। साथ ही रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
क्या है हल्द्वानी अतिक्रमण का मामला:
यह घटना हल्द्वानी के बनभूलपुरा के 2.2 किमी क्षेत्र में फैली गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर में हुई। रेलवे ने रहवासियों को नोटिस जारी कर कहा है कि 82.900 किमी से 80.170 रेलवे किमी के बीच अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाए। अन्यथा अतिक्रमण हटवा दिया जाएगा और इसका खर्चा भी उन अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। रेलवे के मुताबिक गौला नदी में अवैध बालू खनन को लेकर 2013 में मामला पहली बार कोर्ट पहुंचा था।
रेलवे के मुताबिक 10 साल पहले उस मामले में पाया गया था कि अवैध रेत खनन में सिर्फ रेलवे के किनारे रहने वाले लोग ही शामिल हैं. इसके बाद हाईकोर्ट ने रेलवे को पक्ष बनाकर क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया था। तब स्थानीय निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर इसके विरोध में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह स्थानीय निवासियों की दलीलें भी सुनी। रेलवे ने दावा किया कि हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें फिर से सुनने के बाद 20 दिसंबर 2022 को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अब स्थानीय निवासी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, जिसे आज सुनाया गया है।
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