टाटा की ऐतिहासिक डील, 470 विमानों का दिया सबसे बड़ा ऑर्डर, बाइडेन-सनक ने की…. !

एयर इंडिया की बागडोर संभालने के बाद टाटा समूह अब एयरलाइन के बेड़े का विस्तार करने और इसके संचालन का विस्तार करने में...

एयर इंडिया की बागडोर संभालने के बाद टाटा समूह अब एयरलाइन के बेड़े का विस्तार करने और इसके संचालन का विस्तार करने में लगा हुआ है। इसी क्रम में अमेरिका और फ्रांस की कंपनियों से अनुबंध किए गए हैं। इसे एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी डील बताया जा रहा है। एयर इंडिया फ्रांस की एयरबस से 250 और अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 220 यात्री विमान खरीदने जा रही है।

टाटा डील से खुश हुए अमेरिकी राष्ट्रपति:-

बता दें कि एयर इंडिया के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के विमानन क्षेत्र में भारत की साख बढ़ी है। इसका प्रमाण यह है कि टाटा के साथ हुई इस डील को लेकर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों ने खुशी जाहिर की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है। बाइडेन ने कहा है कि एयर इंडिया बोइंग से 220 विमान खरीद रही है। इस डील से 44 राज्यों में करीब 10 लाख अमेरिकी नौकरियां पैदा होंगी। इस डील की वजह से कई छात्रों को अब अपनी 4 साल की डिग्री पूरी करने की जरूरत नहीं है। यह घोषणा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत होती आर्थिक साझेदारी को भी दर्शाती है।

फ्रांस और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों ने भी जताई खुशी:-

वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, ‘एयरबस और टाटा संस द्वारा हस्ताक्षरित अनुबंध भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक नया चरण है। धन्यवाद पीएम नरेंद्र मोदी, फ्रांस और हमारे उद्योग पर आपके विश्वास के लिए।” वहीं ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी इस समझौते पर खुशी जाहिर की है। सुनक ने अपने बयान में कहा, ”यह दशकों में भारत के साथ सबसे बड़े निर्यात सौदों में से एक है और ब्रिटेन के एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए एक बड़ी जीत है। पंख ब्रॉटन में और इंजन डर्बी में बनाए जाएंगे। यह सौदा देश भर में नौकरियां पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, जो हमारी पांच प्राथमिकताओं में से एक है।”

टाटा की ऐतिहासिक डील पर क्या बोले पीएम मोदी:-

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने को कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन हब बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह समझौता भारत के विमानन क्षेत्र की सफलताओं को दर्शाता है। भारत सरकार इस क्षेत्र को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। अगले 15 साल में भारत को दो हजार विमानों की जरूरत होगी। ‘मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड’ को लेकर भारत में अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं।

क्या टाटा पर अडानी की तरह हमला होगा?

आपको बता दें कि टाटा से पहले देश के एक और बड़े समूह अडानी ग्रुप ने भी इजराइल, ऑस्ट्रेलिया, यूके जैसे देशों में ऊर्जा, बंदरगाह आदि क्षेत्रों में निवेश किया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। लेकिन, अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर भारत के विपक्ष ने उन पर हमले शुरू कर दिए। दरअसल, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यहां तक आरोप लगाया कि उन्होंने अडानी को ये ठेके विदेश से दिलवाए। अब टाटा समूह ने विदेशी कंपनियों से अनुबंध कर लिया है, जिससे अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश खुश नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर भारत विरोधी ताकतें टाटा समूह को भी निशाना बनाएं तो आश्चर्य नहीं होगा।

 

 

 

 

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