मजदूरों की मज़बूरी का फायदा उठा रहा था अस्पताल प्रशासन, प्रोफेसर गिरफ्तार
कहा जाता है की धरती पर अगर भगवान ( god ) का कोई दूसरा रूप है तो वो डॉक्टर है। एक मरीज जान बचाने के लिए डॉक्टर के पास ही जाता है। लेकिन क्या हो अगर वही जिंदगी से खिलवाड़ करने लगे ? क्या हो अगर वही सौदा करने लगे ? ऐसा ही एक ताज़ा मामला राजधानी लखनऊ से सामने आया है।
एक्सपेरिमेंट करने शुरू कर दिए
जहां पर डॉक्टरों ने मजदूरों को बंधक बनाकर उनपर एक्सपेरिमेंट करने शुरू कर दिए। जानकीपुरम के इंजीनियर कॉलेज चौराहा स्थित लेबर अड्डे से मजदूरों को एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज में काम करवाने के बहाने से ले जाया गया था।
आगे की जांच करने में जुटी
कॉलेज के अंदर उन मजदूरों को 5 दिनों तक बंधक बनाकर तक रखा गया। इसी बीच एक मजदूर उनके चंगुल से छूट कर पुलिस के पास पहुंच गया। जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज पर कई थानों की फोर्स के साथ छापेमारी कर मजदूरों को डॉक्टरों के चंगुल से छुड़ाया। तो वहीं कॉलेज के डायरेक्टर शेखर सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले में आगे की जांच करने में जुटी हुई है।
किसी को भटकने नहीं दिया जा रहा
अंकुश नामक मजदूर की माने तो लगभग 5 दिन के लिए एम सी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज में मजदूरी की बात कहकर ले गये थे। एक कार दिल्ली नम्बर से मजदूरी के बहाने ले जाया गया था। लेकिन वहां पर उन मजदूरों को इंजेक्शन लगा दिया गया। आरोप है कि वहां पर 50 से अधिक मजदूरों को बंधक बनाया गया है जिनको इंजेक्शन दिया जा रहा था। इतना ही नहीं उनकी निगरानी भी की जा रही थी। मजदूरों के आस-पास किसी को भटकने नहीं दिया जा रहा था।
मजदूर की तहरीर पर केस दर्ज
डीसीपी पश्चिमी सोमेन बर्मा की मानें तो एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज में मजदूरों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। अंकुश नामक मजदूर की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। हॉस्पिटल में 100 से अधिक मजदूरों को रिहा कराया गया है। मजदूरों के हाथों में विगो लगी हुई थी।
आगे की जांच की जा रही
मौके पर सीएमओ की टीम भी पहुंची थी। मजदूरों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज के एमडी शेखर सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले पर आगे की जांच की जा रही है।
रिपोर्ट : मोहम्मद कलीम