आखिर क्यों माना जाता है सूर्य देव को आध्यात्मिक और मानसिक ऊर्जा का स्रोत? पढ़िए इस खबर में

ज्योतिषविद्या के मुताबिक हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता

1-धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्यदेव ( God sun ) को आत्मा का कारक माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। और अपने भक्त के जीवन को अंधकार से निकालकर प्रकाश (ज्ञान) की ओर लेकर जाते हैं।

2- मान्यता अनुसार अर्घ्य देने से घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है।

3- सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देने से व्यक्ति कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है।

4-. छठ पर्व को विधिवत मनाने से मिट जाता है सभी तरह का सूर्य दोष।

5 – ज्योतिषविद्या के मुताबिक हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है। इससे करियर में भी लाभ मिलता है।

6- सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है। इस प्रकार में सभी तरह के रोग और शोक को मिटान के क्षमता है।

7-. प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य के समक्ष कुछ देर खड़े रहने से सभी तरह के पौषक तत्व और विटामिन की पूर्ति होने की संभावना बढ़ जाती है।

8- जिस तरह पौधों के लिए जल के अलावा सूर्य के प्रकाश की भी जरूरत होती है उसी तरह मनुष्य के जीवन के लिए भी सूर्य के प्रकाश या धूप की अत्यंत ही आवश्यकता होती है।

9- सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button