‘केरल’: भारत के पहले फुल आर्म ट्रांसप्लांट में मिली सफलता, डॉक्टर्स ने दी नई जिंदगी !
'केरल' (Kerala) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान केरल के कोच्चि (Kochi) में देश का पहली बार एक पेशेंट (Patient) के फुल आर्म ट्रांसप्लांट (Full Arm Transplant) करने में सफलता हासिल हुई है।
‘केरल’ (Kerala) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान केरल के कोच्चि (Kochi) में देश का पहली बार एक पेशेंट (Patient) के फुल आर्म ट्रांसप्लांट (Full Arm Transplant) करने में सफलता हासिल हुई है। आपको बता दें कि यह आर्म ट्रांसप्लांट केरल के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में किया गया है। वह इराक का नागरिक (Citizen of Iraq) है।
‘आर्म ट्रांसप्लांट’ में मिली सफलता
ऐसे में उसका नाम यूसुफ हसन सईद अल जुवैनी है। डॉक्टर्स का कहना है कि, यूसुफ को कुछ महीनों पहले बिजली का झटका लगने के कारण उन्होंने अपने दोनों हाथ गंवा दिये थे।
जानकारी के अनुसार 29 साल के यूसुफ हसन को जो फुल आर्म ट्रांसप्लांट किया गया है। वह रोड एक्सीडेंट के शिकार हुई महिला डोनर के हाथ लगाये गये हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी रिकवरी रेट काफी अच्छी हुई है।
‘हाई-वोल्टेज’ इलेक्ट्रिक केबल से लगा झटका
आपको बता दें कि यूसुफ 2019 में एक दीवार को ड्रिल कर रहे थे। ऐसे में उन्हें एक हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक केबल से बिजली का जोर-दार झटका लगा था। डॉक्टरों को उनकी जान बचाने के लिए दोनों हाथों को कोहनी से काटने पड़े थे।
‘डॉक्टर्स’ ने इराक नागरिक को दिया जीवनदान
डॉक्टरों को भगवान का दर्जा मिला हुआ है। कहा गया है कि, एक डॉक्टर किसी भी व्यक्ति को जीवनदान दे सकता है। ऐसे में हाल ही में एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने एक ऐसे इराक नागरिक को जीवनदान दिया है।
डॉ. अय्यर और डॉ. शर्मा के नेतृत्व में 16 घंटे की सर्जरी में अंबिली के हाथों को यूसुफ से जोड़ा गया है। ऐसे में डॉ अय्यर का कहना है कि, दोनों हाथों को कंधे के लेवल पर जोड़ा जाना था। हालांकि कुछ ब्लड वेसेल्स (Blood Vessels) को जोड़ना डॉक्टर्स के लिये काफी कठिन था।
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