LDA: चारबाग का अवैध एसएसजे होटल दोबारा सील, अफसरों व इंजीनियरों पर होगी र्कारवाई !

शासन के सख्ती के बाद होटल लिवाना सुईट्स पर मेहरबान रहे एलडीए के अफसर अब लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। चारबाग स्थित एसएसजे होटल शुक्रवार को एलडीए ने दोबारा सील कर दिया।

शासन के सख्ती के बाद होटल लिवाना सुईट्स पर मेहरबान रहे एलडीए के अफसर अब लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। चारबाग स्थित एसएसजे होटल शुक्रवार को एलडीए ने दोबारा सील कर दिया। आग लगने से सात लोगों की मौत के बाद वर्ष 2019 में इसे ध्वस्त करा दिया गया था। पर प्राधिकरण के इंजीनियरों, अधिकारियों ने बिल्डर से साठगांठ कर दोबारा इसे अवैध रूप से खड़ा करवा दिया। दस्ते ने मौके पर पहुंचकर इसे सील करवाकर पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया। गेट पर सीलिंग का नोटिस पर भी चस्पा किया है। इससे पहले होटल लिवाना में आग लगने के बाद एलडीए ने सील कर दिया था।

एसएसजे होटल दोबारा किया गया सील

लिवाना के बाद एसएसजे होटल का भी मामला सुर्खियों में आ गया था। जिसकी वजह से सरकार की किरकीरी होने लगी। इसका शासन के अलावा मंडलायुक्त ने संज्ञान लेकर शुक्रवार इसे सील करा दिया। होटल सील करने के बाद अब दोषी इंजीनियरों, अफसरों पर कार्रवाई होनी है। शासन ने इसे दोबारा बनने पर अफसरों इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को कहा है।

एसएसजे होटल जिस जमीन पर है, उसका नक्शा वर्ष 2010 में आवासीय पास था। मगर यहां होटल बन गया था। वर्ष 2018 में यहां आग से कई लोगों की मौत के बाद 2019 में ध्वस्त करा दिया गया था। मगर एलडीए के इंजीनियरों, अफसरों ने 2020 में पुराने नक्शे की कम्पाउन्डिंग कर दी। फिर इसका आवासीय नक्शा कम्पाउन्डिंग से पास हुआ। मगर मालिकों सरिता रानी जैसवाल, सुरेन्द्र जैसवाल ने भूखण्ड 46-46ए दोनों को जोड़कर फिर अवैध होटल बनवा लिया। एलडीए ने सीलिंग नोटिस में लिखा है कि इसका नक्शा आवासीय वर्ष 2010 में पास हुआ था।

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने आवासीय जमीन पर कामर्शियल निर्माण कराने पर होटल को सील किया है। आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले 4 साल से होटल बंद है। लिवाना होटल में लगी आग के बाद एलडीए के इंजीनियरों पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में आनन-फानन में 4 साल पहले जिस होटल पर कार्रवाई हुई थी, उसी को एक बार फिर से सील कर दिया गया।

चारबाग व नाका में बिना मानक चल रहे 200 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल

चारबाग और नाका इलाके में पूरी तरह से मानकों के खिलाफ 200 से ज्यादा छोटे-बड़े होटलों का संचालन हो रहा है। ज्यादातर ढाई व 10 फीट की गलियों में चल रहे हैं, जहां फायर के कोई भी मानक नहीं है। 2018 में इलाके के 40 होटलों फायर की एनओसी ना होने की वजह से नोटिस भी दी गई थी, लेकिन भाजपा के कद्दावर नेता के दबाव में सारे होटलों का संचालन फिर से शुरू हो गया था। अब एक बार फिर से लिवाना होटल में लगी आग की घटना के बाद एलडीए की तरफ से सीलिंग की कार्रवाई की गई है।

शहर में अपार्टमेंट, होटल, कोचिंग सेंटर और हॉस्पिटल के साथ सरकारी भवनों तक में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं। ज्यादातर के पास एनओसी ही नहीं है। इसका ही नतीजा है कि लखनऊ में जनवरी से अगस्त, 2022 तक 1569 आग की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, विभाग के पास शहर की इमारत और एनओसी को लेकर कोई सटीक आंकड़ा भी नहीं है।

शहर के 650 कोचिंग सेंटरों को नोटिस

फायर विभाग ने शहर में चल रही 650 कोचिंग सेंटर्स को नोटिस भेजा है, जहां फायर के मानक पूरे नहीं है। सीएफओ विजय कुमार सिंह के मुताबिक फायर सेफ्टी के मानक पूरे नहीं करने वाले संस्थानों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। फायर डिपार्टमेंट के टारगेट पर ऐसे भी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल, जिन्होंने नोटिस के बावजूद आग बुझाने के इंतजाम नहीं किए।

लखनऊ के लोकबंधु और ईएसआई हॉस्पिटल तक में फायर फाइटिंग सिस्टम अपडेट नहीं है। सिर्फ 130 अस्पतालों के पास फायर विभाग की एनओसी हैं। पंडित राम सागर मिश्र 100 शय्या संयुक्त चिकित्सालय, उत्तर रेलवे मंडलीय चिकित्सालय, फायर स्टेशन आलमबाग और राम प्रकाश गुप्त शिशु एवं मातृ चिकित्सालय शहीद पथ को नोटिस दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button