योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की क्या है खास बात ? जानिए इस खबर में !
एक्सप्रेस-वे के लिए करीब 6966 हेक्टेयर जमीन खरीदी की जा चुकी है, निर्माण के लिए 13 जुलाई को पर्यावरण मंजूरी भी दे दी
मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की तैयारी अब तेज कर दी गई है। प्रदेश का सबसे लंबा 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से मेरठ तक होगा।
94 फीसदी से ज्यादा जमीन खरीदी
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के आने के बाद अब गंगा एक्सप्रेस-वे को योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अब तक 56 प्रतिशत से अधिक सी एंड जी (क्लियरिंग एंड ग्रबिंग) का काम पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस-वे के लिए करीब 6966 हेक्टेयर (94 फीसदी से ज्यादा) जमीन खरीदी/अधिग्रहीत की जा चुकी है।
करीब 518 गांव इसकी जद में
केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 13 जुलाई को पर्यावरण मंजूरी भी दे दी है। उसके बाद से एक्सप्रेस-वे के निर्माण में और तेजी आई है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में करीब 518 गांव इसकी जद आ जाएंगे। इसके साथ ही मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों को एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।
3.5 किमी लंबा रनवे भी विकसित किया जाना है
गंगा एक्सप्रेस-वे राज्य का छठा और सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। इतना ही नहीं, एक्सप्रेस-वे पर आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग/टेक-ऑफ के लिए शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबा रनवे भी विकसित किया जाना है। साथ ही लोगों की सुविधा के लिए 9 जन सुविधा केंद्र, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े ब्रिज, 126 छोटे ब्रिज और 381 अंडरपास बनाए जाएंगे।
इंटरचेंज की सुविधा भी उपलब्ध
एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश और निकास के लिए 17 स्थानों पर इंटरचेंज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना के आस पास के गांवों के निवासियों के लिए सर्विस रोड भी बनाया जाएगा।