भारत माँ के ” अमर भगत ” कि कुछ ख़ास बातें !

लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी।

भारत भूमि के इस माटी के लाल भगत सिंह ( singh ) का जन्म 27 सितंबर 1907 ई० को एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। यह एक किसान परिवार से थे। अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था।

आज हम आपको उनके कुछ ऐसे विचारों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने विशेषकर युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। आइए जानते है :

1 – वे मुझे मार सकते हैं लेकिन मेरे विचारों को नहीं ।

2 – वे मेरे शरीर का दमन कर सकते है लेकिन मेरी आत्मा का नहीं।

3 – प्रेम सदैव आपके व्यक्तित्व को ऊपर उठाता है। ये कभी आपको नीचा नहीं दिखा सकता इसलिए प्रेम पाने के लिए प्रेम दीजिए।

4 – व्यक्ति को मारना संभव है लेकिन विचार को नहीं।

5 – जिंदगी अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधों का इस्तेमाल सिर्फ मुर्दे करते हैं।

6 – बहरों को सुनाने के लिए तेज चिल्लाना पड़ता है।

7 – मैं मानव हूं और मानववाद को प्रभावित करने वाली हरेक बात मुझे प्रभावित करती है।

8 – हमारे लिए समझौते का मतलब आत्मसमर्पण नहीं है बल्कि यह एक कदम आगे बढ़ने जैसा है।

9 – प्रेमी, पागल और कवि एक ही मिट्टी के बने होते हैं।

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