12 साल में टूटता है शिवलिंग,भगवान् शिव का अनोखा मंदिर

इस मंदिर पर हर 12 साल में एक बार आकाशीय बिजली गिरती है इस आकाशीय बिजली की वजह से मंदिर का शिवलिंग कई भागों में खंडित हो जाता है

लखनऊ : नमस्कार, स्वागत है आपका हमारे चैनल हैशटैग भारत न्यूज ( Hashtag bharat news ) में … हैशटैग भारत न्यूज चैनल एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये आप देश दुनिया के हर क्षेत्र की …रोचक मनोरंजक दिलचस्प जानकारियों को देख सकते हैं ….अगर आप ऐसी जानकारियों में रूचि रखते हों तो …आज हीं हमारे चैनल को जरुर सब्सक्राइव कर लें ….Hashtag bharat news का हर एक विडियो आपके,आपके परिवार के हर सदस्य और आपके आस पास के लोगों के लिये बेहद लाभप्रद और रोचक जानकारियां लेकर आया है ……
तो आइये शुरू करते हैं आज एक अलग ही रोचक और लाभप्रद जानकारी से जुड़े वीडियो की … आज हम आपको एक ऐसे चमत्कार की बात बताने जा रहें हैं ….जिसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे …ये कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है … विडियो काफी दिलचस्प है जिसे देखकर आप भी कहेंगे कि क्या ऐसा संभव है …इस विडियो को आखिर तक जरुर देखियेगा …दोस्तों आज हम आपको एक चमत्कार  दिखाने ले चलेंगें हिमाचल प्रदेश … हिमाचल प्रदेश में मौजूद है बिजली महादेव का मंदिर … आप भी सोच रहे होंगे कि भला ये कौन सा नाम हुआ बिजली महादेव … दोस्तों इस नाम में हीं एक बड़ा चमात्कार इस मंदिर के साथ जुड़ा है …कहा ये जाता है कि इस मंदिर पर हर 12 साल में एक बार … आकाशीय बिजली गिरती है … इस आकाशीय बिजली की वजह से मंदिर का शिवलिंग कई भागों में खंडित हो जाता है … लेकिन चमत्कार ये है कि यहां इस मंदिर के पुजारी इस शिवलिंग को नमक मक्खन और सत्तू के साथ बने लेप से जोड़ देते हैं …और शिवलिंग अगले 12 साल तक इसी रुप में बरकरार रहता है … इस चमत्कार को देखकर लोग दांतों तले ऊंगली दबाने पर मजबूर हो जाते हैं … यहां के पुजारी इसे महादेव का चमत्कार बताते हैं कि …खंडित टुकड़े फिर से आपस में जुड़ कर शिवलिंग का आकार ले लेते हैं … इस मंदिर की महत्ता की वजह से हीं लोग दूर दूर से बिजली महादेव का दर्शन करने हर साल आते हैं …

कैसे हर 12 साल में टूटता है शिवलिंग 

 

 

वैसे दोस्तों आपको इस मंदिर का थोड़ा इतिहास भी हम बता रहे हैं … कहते हैं बिजली महादेव मंदिर का निर्माण कुलंत नाम के दानव को मारने के बाद हुआ था … दानव कुलंत व्यास नदी के प्रवाह को रोककर इस पूरी घाटी को जलमग्न करने के लिये …अजगर का रुप धारण कर लिया … कहा ये जाता है कि जब भोलनाथ को इस बात का जानकारी हुयी तो …दानव कुलंत का अंत करने के लिये खुद भोलनाथ इस जगह पर पधारे … भोलेनाथ …अजगर के वेष में राक्षस को पीछे मुड़कर देखने को कहा …जैसे हीं कुलंत पीछे मुड़कर देखा उसकी पूंछ में आग लग गयी … और दानव जलकर भस्म हो गया … यहां मान्यता ये है कि जिस पहाड़ पर बिजली महादेव का मंदिर स्थित है …वो इसी दानव कुलंत का शरीर है… जो भस्म होने के बाद पहाड़ का रुप धारण कर लिया ….

क्या है मान्यता

 

 

दोस्तों, आगे की मान्यता और दिलचस्प है …जब दानव कुलंत का भोलेनाथ ने खात्मा कर दिया ..तो उसके बाद महादेव भगवान इंद्र के पास गये … और इंद्र से कहा कि हर बारह साल में पहाड़ के रुप में तब्दील दानव कुलंत पर आकाशीय बिजली का प्रहार करें …स्थानिय लोगों का मानना है कि महादेव नहीं चाहते थे कि … इस क्षेत्र के वासियों को इस आकाशीय बिजली से कोई नुकसान हो … इसलिये हर बारह साल पर गिरने वाले बिजली को वो…. अपने उपर धारण कर लेते हैं … दोस्तों आपको ये लगता होगा कि भला ये कैसे संभव है …लेकिन हर बारह साल में होने वाले इस घटना का गवाह बिजली महादेव मंदिर
है ना भारतीय परंपरा अद्भूत चमत्कारों की धरोहर … अभी और भी बहुत सारी ऐसी जानकारियां है जिसे सुनकर देखकर आप चौंक जायेंगे …इस विडियो में फिलहाल इतना हीं ……. उम्मीद है आपको हमारी ये जानकारी पसंद आयी होगी …… तो जल्द से हमारा चैनल सब्स्क्राइब करें जिससे की आपको ऐसी ही रोचक और फायदेमंद जानकारियां मिलती रहें।

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