# शिव का सावन : ऐसा शिवमंदिर जहां महिलाएं नहीं लगा सकती ‘ लेप ‘, एक हज़ार शिवलिंग है इसमें समाहित !
एक शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जोकि विशेष मान्यता को लेकर तो खास है ही साथ ही अपने आकार को लेकर भी जाना जाता है।
भारत देश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों सहित अनगिनत मंदिर है। लेकिन ज्योतिर्लिंगों के अलावा शिव के ऐसे मंदिर भी जिनका अपना विशेष महत्त्व है।
विशेष महत्त्व व मान्यता
ये विशेष महत्त्व व मान्यता शिव के लिंग की रूप की वजह से या उनसे जुड़ी किसी खास कहानी से भी जाने जाते है। आज हम आपको ऐसे ही एक शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जोकि विशेष मान्यता को लेकर तो खास है ही साथ ही अपने आकार को लेकर भी जाना जाता है।
शिवलिंग में करीब एक हज़ार शिवलिंग समाहित
जी हाँ मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बढ़ियाखेड़ी में भगवान शिव की एक दुर्लभ शिवलिंग स्थापित है। इसके बारे में कहा जाता है कि अंग्रेजी शासन काल कि इस शिवलिंग में करीब एक हज़ार शिवलिंग समाहित है। उनकी इस खूबी के कारण ही इन्हे सहस्त्रलिंगम कहते है। अंग्रेजी शासन काल में बने इस शिवलिंग कि तरह देश भर में करीब तीन शिवलिंग है। जिसकी वजह से इसकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फैली है। आम दिनों में भी इस मंदिर में प्रदेश भर से लोग पूजा अर्चना करने आते है।
पूजा करने का विशेष तरीका
यह सहस्त्रलिंगम मंदिर 200 साल पुराना बताया जाता है। इस लिंग की प्रतिमा को सिवान नदी कि खुदाई के दौरान प्राप्त किया गया था। इस मंदिर को सीहोर जिले के सबसे पुराने शिवालयों में गिना जाता है। यह मंदिर प्राचीन होने के साथ ही अपनी खास पूजा के लिए भी जाना जाता है। यहां महिलाओं व पुरुषों द्वारा पूजा करने का विशेष तरीका है।
दही या शहद का लेप नहीं लगा सकती
जिसमे महिलाएं शिवलिंग में जल तो चढ़ा सकती है लेकिन दही या शहद का लेप नहीं लगा सकती। जबकि पुरुष शिवलिंग को लेप लगा सकता है। अगर कोई महिला लगाना ही चाहती है तो उसे दही व शहद जल में मिलाकर चढ़ा सकती है। इसके साथ ही अगर कोई पुरुष व महिला विवाहित है तो उसे शिवलिंग कि पूजा साथ में ही करनी चाहिए।
यहां विशेष प्रकार कि पूजा की जाती है
यहां के मंदिर के पुरोहित ने बताया कि अंग्रेज़ी हुकूमत के समय सिवान नदी कि खुदाई के समय यह शिवलिंग मिला था। जोकि करीब 200 वर्ष पुराना है। सावन व शिवरात्रि के समय यहां विशेष प्रकार कि पूजा की जाती है। यहां आये सभी श्रद्धालुवों की मनोकामना पूर्ण होती है।