सीआरपीएफ के मध्य सेक्टर कार्यालय पर शौर्य दिवस मनाया गया
यही कारण है कि आज प्रत्येक राज्य सभी अर्धसैनिक बलों में से सीआरपीएफ की मांग सबसे पहले करता है।
लखनऊ। गोमती नगर, विभूति खण्ड स्थित सीआरपीएफ के मध्य सेक्टर कार्यालय के प्रांगण में शानदार भव्य रूप से शौर्य दिवस मनाया गया। सभी अधिकारियों एवं जवानों ( soldiers ) को प्रकाश डी महानिरीक्षक द्वारा शौर्य शपथ दिलवायी गयी।
इस अवसर पर प्रकाश डी० ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में बताया कि वर्ष 1965 में 9 अप्रैल की सुबह लगभग 3:30 बजे पाकिस्तान की नियमित सेना की एक पूरी इन्फैन्ट्री ब्रिगेड ने भारत के सीमावर्ती हिस्से पर कब्जा करने के लिए आपरेशन “डेजर्ट हॉक” चलाकर अचानक हमला कर दिया।
इसके लिए उन्होंने गुजरात सीमा के “सरदार व ठाक” पोस्ट को निशाना बनाया जहां उस समय सीआरपीएफ की द्वितीय बटालियन की केवल चार कंपनियां तैनात थी, जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना की इन्फैंट्री की एक पूरी ब्रिगेड के 3500 सैनिक अपने पूरे साजो-सामान तथा भारी आर्टिलरी एवं पूर्व नियोजित रणनीति के साथ रात्रि के अंतिम पठर में हमलावर हुई थी।
उस समय तत्कालीन गृहमंत्री स्वर्गीय गुलजारी लाल नन्दा ने बल की प्रशंसा करते हुए कहा था कि मैं सरदार पोस्ट पर तैनात बल के कार्मिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने पाकिस्तानी सेना की पूरी ब्रिगेड के आक्रमण को विफल कर असामान्य स्थिति में 12 घंटे से अधिक समय तक अत्यंत वीरतापूर्वक सामना किया तथा पोस्ट को सुरक्षित रखा। यह युद्ध न केवल भारतीय पुलिस बल्कि भारतीय सेना के इतिहास में भी लिखा जाएगा।
प्रकाश डी० ने कहा आज हम उन सभी वीर जवानों को शत-शत नमन करते हैं । जिन्होंने हमारे देश की गरिमा, एकता एवं अखण्डता पर कभी आंच नहीं आने दिया। अपने प्राणों की आहुति देकर भी अपने कर्तव्यों को निभाया।
संसद हो या अयोध्या या जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर या छत्तीसगढ़ में नक्सल उग्रवादियों के हमले प्रत्येक को विफल करते हुए मुंहतोड़ जवाब देना सीआरपीएफ की पहचान बन चुका है।