शरद पवार कभी थे प्रधानमंत्री पद के दावेदार, अब लड़ सकते हैं राष्‍ट्रपति का चुनाव

24 जुलाई को पूरा हो रहा है राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल, विपक्ष को एक जुट करने के प्रयास में कांग्रेस

राष्‍ट्रपत‍ि रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्‍म हो रहा है। इससे पहले ही 18 जुलाई को नए राष्‍ट्रपत‍ि का चुनाव कर लिया जाएगा। अगर आवश्‍यकता पड़ती है तो 3 बाद मतगणना की जाएगी। इससे पहले राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का नाम राष्‍ट्रपत‍ि पद के उम्‍मीदवार के रूप में समाने आ रहा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल उनके नामों पर सहमत दिखाई दे रहे हैं। अभी हाल ही में आम आदमी पार्टी, बंगाल की ममता बनर्जी, शिवसेना समेत कई दलों एकमत होने की कगार पर हैं। इसके लिए कांग्रेस ने विपक्षी दलों के साथ एक बैठक बुलाई है, जिसमें शरद पवार के नाम पर मोहर लग सकती है।

कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हुआ करते थे शरद पवार

शरद पवार भारतीय राजनीत‍ि में 80 के दशक के एक बड़े नेता हुआ करते थे। वो वर्ष 1978 में कांग्रेस से विद्रोह करके जनता पार्टी के सहयोग से महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री बने। इसके बाद वो राष्‍ट्रीय राजनीत‍ि में लगातार स‍क्रिय रहे। वर्ष 1999 के चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनने की स्थित‍ि में उनका प्रधानमंत्री होना तय माना जा रहा है।

कारण यह था क‍ि यह गांधी परिवार के सबसे करीबे माने जाते थे लेकिन इसी बीच सोनिया गांधी का नाम प्रधानमंत्री पद के आने के बाद शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया के खिलाफ बगावत कर दी थी, वो भारतीय मूल को प्रधानमंत्री बनाए जाने की वकालत करने लगे थे। इसके बाद कांग्रेस ने उनको पार्टी से निकाल दिया था और शरद पवार ने राष्‍ट्रवादी क्रांग्रेस पार्टी बनाई थी। इसी के बाद मनमोहन सिंह दो बार भारत के प्रधानमंत्री बने और शरद पवार काफी पीछे रह गए थे।

मल्लिकार्जुन खड़गे सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे

राष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी कमर कस चुकी है। इसकी जिम्‍मेदारी कांग्रेेस के वरिष्‍ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को दी गई है। अभी पिछले सप्‍ताह मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सोनिया गांधी ने शरद पवार से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि‍ सहमत‍ि बन चुकी है। मल्लिकार्जुन खड़गे पूरी तैयारी में लगे हुए हैं। उन्‍होंने शिवसेना के उद्वव ठाकरे, ममता बनर्जी, आप के संजय सिंह, तमिलनाड़ू के मुख्‍यमंत्री स्‍टालिन से बातचीत की है।

इसके अलावा अन्‍य विपक्षी दलों से बातचीत का दौर जारी है। बुधवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्ष की बैठक बुलाई है, इसमें शरद पवार के नाम पर मोहर लग सकती है। इनको विपक्ष का प्रत्‍याशी बनाया जा सकता है। हालांकि शरद पवार की पार्टी ने इस प्रकार की किसी बात से इंकार किया है।

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