रामलला की मूर्ति स्थापना पर आया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान !
अयोधया में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार 18 जनवरी को तीसरा दिन है। रामलला की मूर्ति गर्भगृह में पहुंच गई है।
भारत में हर तरफ जश्न का माहोल बना हुआ है हर एक भारत वासी को इंतज़ार है तो बस 22 जनवरी 2024 का , पूरा भारत राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दीपावली उत्सव के रूप में मनाएगा। अयोधया में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार 18 जनवरी को तीसरा दिन है। रामलला की मूर्ति गर्भगृह में पहुंच गई है। इसकी स्थापना रामयंत्र पर होगी। इससे पहले 17 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया था।
रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति
इस दौरान मूर्ति को परिसर भ्रमण कराना था, लेकिन भारी होने के कारण इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई। साथ ही इस बीच, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मुख्य वेदी पर रामलला विराजमान की ही प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए। स्वयंभू प्रतिमा की जगह दूसरी मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती। अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पूरा कार्यक्रम 40 मिनट का रहेगा। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी गर्भगृह में मौजूद रहेंगे।
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